आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

01 अगस्त 2012

2 को इस मंत्र से बांधें व बंधवाएं रक्षासूत्र, संकट रहेंगे दूर


सावन माह की पूर्णिमा को राखी का त्योहार मनाया जाता है। इसमें भाई अपनी बहन से रक्षासूत्र बंधाकर उसकी रक्षा का वादा करता है। लेकिन इस त्योहार की धार्मिक परंपराएं शास्त्रों में कुछ अलग मिलती है, लेकिन इनमें भी रक्षा और स्नेह की भावना ही उजागर होती हैं। हर स्त्री-पुरुष को इन परंपराओं का पालन करना चाहिए। इससे जीवन में स्वयं के साथ परिवार व समाज की भी संकटों में रक्षा होती है।

जानिए धार्मिक नजरिए से रक्षासूत्र बांधने का मंत्र विशेष व तरीका -

- सुबह स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में स्वयं या किसी योग्य ब्राह्मण से देवता, पितरों और ऋषियों का तर्पण कराएं।

- उसके बाद ऊनी, सूती या रेशमी पीले कपड़े में सरसों, सोना, केसर, चंदन, अक्षत और दूर्वा बांध लें।

- फिर गोबर से लीपे स्थान पर कलश स्थापित करें। कलश पर यह रक्षासूत्र रख कर विधिवत पूजन करें या करवाएं।

- ब्राह्मण से रक्षासूत्र सीधे हाथ में बंधवाएं। शास्त्रों में रक्षासूत्र को भगवान, राजा, मंत्री, वैश्य, शिष्य, पुत्र-पौत्रादि या यजमान की कलाई पर बांधते समय यह मंत्र बोलने का महत्व बताया गया है -

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वां मनुबध्रामि रक्षे मा चल मा चल।

- इस दिन विरोधियों की पराजय के लिए वरुण पूजा का भी महत्व है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...