वाशिंगटन. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात में मुसलमान अपने हिंदू पड़ोसियों से आज भी डरते हैं क्योंकि वे अदालत में मामले के निपटारे का इंतजार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़ी इस रिपोर्ट में हालांकि धार्मिक आजादी का सम्मान करने के लिए भारत की तारीफ की गई है। लेकिन, गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में खड़ा करने की धीमी प्रक्रिया पर चिंता जताई गई है। कहा गया है कि गुजरात के मुसलमान आज भी डर के माहौल में जी रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की ओर से हिंदुत्व के एजेंडे को खारिज किए जाने के बावजूद देश के कई भाजपा शासित राज्य इस विचारधारा से प्रभावित हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, गुजरात में दंगे के जिम्मेदार लोगों को पकड़ने में राज्य सरकार की नाकामी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता निरंतर चिंता जता रहे हैं।
गौरतलब है कि 2002 में हुए गुजरात दंगे में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर मुसलमान थे
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 अगस्त 2012
गुजरात में मुसलमानों को आज भी लगता है डर : अमेरिकी रिपोर्ट
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