पहली नजर में सबको यह बात सही लगी, लेकिन 'मुंबई मिरर' ने राज की पूरी कहानी को 'प्लांटेड' बताया है। इस अखबार के मुताबिक कुछ भोजपुरी फिल्मों की पब्लिसिटी का भी काम देखने वाले राज ने अपने क्लाइंट को प्रचार दिलाने के लिए इस 'विवाद' की पूरी स्क्रिप्ट काफी सोच-समझ कर लिखी थी और इस पर उसी के मुताबिक अमल कराया।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 जुलाई 2012
तिरंगा लपेट कर फोटो खिंचवाई, पैसे देकर विरोध करवाया और फिर मीडिया में छपवाया!
पहली नजर में सबको यह बात सही लगी, लेकिन 'मुंबई मिरर' ने राज की पूरी कहानी को 'प्लांटेड' बताया है। इस अखबार के मुताबिक कुछ भोजपुरी फिल्मों की पब्लिसिटी का भी काम देखने वाले राज ने अपने क्लाइंट को प्रचार दिलाने के लिए इस 'विवाद' की पूरी स्क्रिप्ट काफी सोच-समझ कर लिखी थी और इस पर उसी के मुताबिक अमल कराया।
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