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04 जुलाई 2012

कोटा में नईमुद्दीन गुड्डू को हरा कर एक बार वही कोंग्रेस भाजपा गठबंधन का इतिहास बनाया

दोस्तों कभी जनसंघ और फिर भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले राजस्थान के शहर कोटा में कोंग्रेस के नेता नईमुद्दीन गुड्डू के मुस्लिम प्रत्याक्षी होने के कारण उनके विरुद्ध उन्हें हराने के लियें कोंग्रेस और भाजपा गठबंधन का इतिहास बनगया है ..ताज्जुब इस बात पर है के धर्मनिरपेक्षता ...अनुशासन और मुस्लिम्प्रेमी होने का दम्भ भरने वाली कोंग्रेस हाईकमान ने आज तक इस मामले में किसी भी कोंग्रेसी गद्दार के खिलाफ कोई कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा है और हालात यह है के यहाँ के कई कोंग्रेसी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा नेताओं की गोद में बेठ कर मोकापरास्ती सियासत का खेल खेल रहे है .............नईमुद्दीन गुड्डू जो सहकारिता क्षेत्र के जानकार और कोटा जिले की लाडपुरा तहसील के स्थापित नेता है उन्हें पहले विधायक का टिकिट दिया गया लाडपुरा क्षेत्र में उनकी जीत निश्चित थी लेकिन कोंग्रेस के ही लोग उन्हें हराने के लियें खुलेआम भाजपा प्रत्याक्षी का प्रचार करते देखे गए नतीजा यह हुआ के नईमुद्दीन गुड्डू विधायक का चुनाव भाजपा प्रेमी कोंग्रेसी गद्दारों की वजह से सात्सो वोटों से हार गए ..खेर वोह जिला परिषद का चुनाव लड़े .फिर कोंग्रेस भाजपा गठबंधन था लेकिन नईमुद्दीन गुड्डू जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हो गए .अब फिर उन्हें जिला प्रमुख का टिकिट दिया गया जिला परिषद में कोंग्रेस का खुला बहुमत था लेकिन दोस्तों जब वोट डाले तो दू कोंग्रेसी वोटर्स फिर भाजपा की गोद में जा बेठे और नतीजे बदल गए अल्पमत में भाजपा के प्रत्याक्षी कोंग्रेस के बहुमत के बाद भी नईमुद्दीन गुड्डू को हराकर जिला प्रमुख बन गए .हाई कमान को पता था के गद्दार कोन है लेकिन गद्दार कोंग्रेसियों को सजा देने की जगह पुरस्कर्त क्या गया महत्वपूर्ण पद दिए गए गुड्डू समर्थक पहले चिल्लाये लेकिन फिर कोंग्रेस हाईकमान ने उन्हें अनुशासन और कोंग्रेस हित का पाठ पढ़ा कर घर बिठा दिया इसके अलावा मंदी समिति का चुनाव हुआ वहां भी यही मुस्लिम विरोधी कोंग्रेसियों का भाजपा प्रेम देखने को मिला ..अब कोटा मार्केटिंग सोसाइटी के चुनाव की बारी थी कल कोटा में कोंग्रेस का स्पष्ट बहुमत था नईमुद्दीन गुड्डू जितने वाले प्रत्याक्षी थे लेकिन वाह मुस्लिम विरोधी कोंग्रेस फिर चमत्कार हुआ कोंग्रेस भाजपाई भाई भाई का नारा बुलंद हुआ और नईमुद्दीन गुड्डू को फिर से हराकर भाजपा के प्रत्याक्षी को चुनाव जितवा दिया गया ...........वेसे कोटा की बदनसीबी है के यहा महत्वपूर्ण राजकीय पदों पर कोंग्रेस के किसी भी मुस्लिम की नियुक्ति नहीं की गयी है दिखने के लियें छोटे मोटे पदों पर जरुर यह नाम लिए जाते है ..दोस्तों कोंग्रेस एक तरफ तो मुस्लिम प्रेम की बात करती है और दूसरी तरफ मुस्लिम प्रत्याक्षी का इस तरह से पीछा कर मजबूत होने पर बहुमत होने पर भी भाजपा से गठबंधन कर उसे हरा देती है और कोंग्रेस का हाईकमान इतना सब होने पर भी मूकदर्शक बना रहता है तो फिर तो भाई यहाँ कोंग्रेस और भाजपाई भाई भाई का नारा बुलंद हुआ और मुस्लिम वोह भी कोंग्रेसी मुस्लिमों को एक सबक मिला के तुम्हे कोंग्रेस की हवा होगी कोंग्रेस का बहुमत होगा तब भी महत्वपूर्ण पदों पर कोंग्रेस में बेठे भाजपा एजेंट जीतने नहीं देंगे ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. kya Guddu ne kabhi Islam ki tablig ki ?
    Shayad nahin.
    Aise ko haraya, bahut achha kiya.
    yh neta ab bhi congress ke aage pichhe gumta rahega ya kisi aisi hi party me.
    In partiyo ko apna himayti jo samjhe wh khud hi bewaquf ban raha hai.

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