इस गोदाम में बरसात में भीगकर खराब हुए गेहूं की कीमत करीब 21 करोड़ रुपए है। एफसीआई ने यहां कच्ची जमीन पर तिरपाल ढककर ही 1 लाख 82 हजार टन गेहूं का भंडारण कर रखा था। 1 जुलाई से इस गेहूं का उठाव किया जा रहा है। यहां शुक्रवार को 60 हजार टन गेहूं पड़ा था। जो गेहूं भीगा है, उसमें फंगस लगी है और इतनी दरुगध आ रही है कि मुंह पर कपड़ा बांधना पड़ रहा है। कर काम करना पड़ रहा है। इसमें डेढ़ लाख बोरी गेहूं तो खाने लायक ही नहीं बचा। अब प्रशासन यहां पर खराब हो गेहूं को साफ कराने की कवायद में जुटा हुआ है।
आधे राजस्थान का एक दिन का खाना बर्बाद
06 लाख क्विंटल गेहूं पड़ा था खुले आसमान के नीचे।
1.50 लाख क्विंटल गेहूं खराब होने का अंदेशा है।
21 करोड़ के करीब कीमत बैठती है खराब हुए गेहूं की।
21 हजार बीघा से ज्यादा जमीन में पैदा होती है इतनी उपज।
3.75 करोड़ लोगों का एक दिन का खाना बर्बाद, यानी आधे राजस्थान (आबादी 6.86 करोड़) की एक दिन की भूख मिट सकती थी।
कोटा के पास केबल नगर के गोदाम में गेहूं की दुर्दशा देखी तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने आपा खो दिया। मैनेजर केसी मीणा को वे पकड़कर लाए और उनके मुंह पर गेहूं मार दिया। वे सफाई दे रहे थे कि हमने अधिकतर माल उठा दिया है, अगले दो-तीन दिन में यहां कुछ नहीं दिखेगा।
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