वरुण देवता को मनाने के नाम पर गुरुवार को रामेश्वरी चौक स्थित दुर्गा मंदिर में मेंढक-मेंढकी के विवाह का अनोखा आयोजन किया गया। साथ ही महायज्ञ में आहुती भी दी गई। महायज्ञ का आयोजन विदर्भ किसान समिति ने किया था।
समिति की ओर से कहा गया कि बरसात नहीं होने से कृषि व पेयजल का संकट बना है। राज्य के जलापूर्ति मंत्री ने बयान दिया है कि समय रहते बारिश नहीं आयी तो पेयजल की भीषण समस्या होगी, खेतों में दोबारा बुआई करनी पड़ेगी।
महायज्ञ के माध्यम से वरुण देवता से पानी की दरकार की गई है। आयोजक गुड्डू निखारे, मंगेश साहू, प्रशांत वालदे, स्वप्निल कुजाम, विलास कड़ू,बबलू ताकसांडे,अनिल चांदेकर ,राहुल दुधे,प्रताप शिंदे,आशीष रामटेके ,गजानन घाघरे व अन्य उपस्थित थे।
chaliye koi na koi upay hote rahna chahiye ...
जवाब देंहटाएंbarish jald ho iski dua karunga..magar ek baat to tay hai ki bechare medhak medhaki ka bivah insani riti riwazo se insanon ne kara kar unhe itihas bana diya..
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बहुत अच्छा... :)
बस मुझे यह आज तक समझ नहीं आया कि इस तरह के टोटके जून के अंत-जुलाई की शुरूआत में ही क्यों किये जाते हैं क्योंकि तब तो दस-पंद्रह दिन के हेर-फेर में मानसून आ ही जाता है... यह काम मई में किया जाना चाहिये, शादी कराने को मेंढक तो तब भी मिल जाते होंगे कहीं न कहीं...
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