एक युवक ने नीचे जाकर पुलिस वालों को बताया कि एक आदमी जिंदा जल रहा है तो जवाब मिला दमकल वालों को बुलाओ। मुकेश ने बताया कि इस बीच घटनास्थल से एक पीसीआर मोटरसाइकिल भी गुजर गई, मगर पुलिस वाले रुके नहीं। फोन करने के कोई पंद्रह मिनट बाद दमकल की गाड़ी आई। आग तो बुझा दी गई, मगर विजय की जान जा चुकी थी। डीसीपी सर्बजीत सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने के लिए बातचीत चल रही है।
पुलिसकर्मियों पर लगे आरोप की जांच एसीपी जसबीर राय कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्राथमिक जांच में पता चला है कि फ्लाईओवर के नीचे एएसआई रमेश कुमार चार नए रंगरूट के साथ नाकाबंदी कर चेकिंग कर रहे थे और चालान भी काट रहे थे। बैरिकेड्स की चेकिंग को निकले हवलदार बलदेव सिंह भी वहां आ गए थे।
इसी दौरान एक युवक ने आकर बताया था कि पुल के ऊपर एक इंसान जिंदा जल रहा है। बलदेव सिंह अपने साथी सिपाही दर्शन सिंह को लेकर पुल पर पहुंचे। इतने में जलती गाड़ी का टायर ब्लास्ट कर गया। इसलिए पुलिसकर्मियों ने लोगों को वहां से दूर किया और खुद भी आगे जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। जांच के दायरे में आ रहे पीसीआर नंबर 15, 24, 25 और जूलो नंबर तीन के कर्मचारी भी तलब किए गए हैं।
डीसीपी ने लगाई क्लास
जिस वक्त डीसीपी सरबजीत सिंह लोगों को शांत कर रहे थे, उन्होंने देखा कुछ पुलिस मुलाजिम मोबाइल पर किसी से बात कर रहे हैं। कुछ तो गमगीन माहौल में आपस में बातें कर रहे थे। डीसीपी ने उन पुलिस वालों की मौके पर ही क्लास लगाई।
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