नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने विदेशी मूल का मुद्दा उठा कर सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया था। अब तक प्रचारित की जा रही इस बात को खुद कलाम ने गलत साबित कर दिया है। कलाम राजनीतिक पार्टियों के भारी दबाव के बावजूद सोनिया को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए पूरी तरह तैयार थे। उन्होंने उनके नाम की चिट्ठी तक तैयार करवा रखी थी।
कलाम ने यह बात अपनी नई किताब 'टर्निंग पॉइंट्स' में बताई है। कलाम की यह किताब 'विंग्स ऑफ फायर' का दूसरा संस्करण है। किताब जल्द ही बाजार में आने वाली है। फिलहाल इसका कुछ अंश मीडिया में आया है। इसके साथ ही उन चर्चाओं पर विराम लग गया जिसमें कहा जा रहा था कि कलाम ने 2004 में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर ऐतराज जताया था।
किताब में कलाम ने कई यादें साझा की हैं। उन्होंने यूपीए सरकार के साथ तनाव भरे रिश्तों का भी जिक्र किया है। उन्होंने किताब में लिखा है कि मई 2004 में हुए चुनाव के नतीजों के बाद सोनिया गांधी उनसे मिलने आई थीं। राष्ट्रपति भवन की ओर से उन्हें प्रधानमंत्री बनाए जाने को लेकर चिट्ठी तक तैयार कर ली गई थी। उन्होंने कहा है, 'यदि सोनिया गांधी ने खुद प्रधानमंत्री बनने का दावा पेश किया होता, तो मेरे पास उन्हें नियुक्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। 18 मई 2004 को जब सोनिया गांधी मनमोहन सिंह को लेकर आईं, तो मुझे आश्चर्य हुआ।
सोनिया गांधी ने मुझे कई दलों के समर्थन के पत्र दिखाए। मैंने उनसे कहा कि उनकी सुविधा के मुताबिक वह शपथ दिलाने को तैयार हैं। सोनिया ने बताया कि वह मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के पद पर मनोनीत करना चाहती हैं। ये मेरे लिए आश्चर्य का विषय था और राष्ट्रपति भवन सचिवालय को चिट्ठियां फिर से तैयार करनी पड़ीं।'
भाजपा और दूसरी पार्टियां अब तक अक्सर यही प्रचारित किया करती थीं कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनना चाहतीं थीं, लेकिन राष्ट्रपति कलाम ने उनके विदेशी मूल का मुद्दा उठा कर इस पर सवाल उठा दिया था और कहा था कि उन्हें संवैधानिक मशविरा करना होगा। तब सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह का नाम सुझाया था।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 जून 2012
कलाम ने तैयार करवा रखी थी सोनिया के नाम की चिट्ठी
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)