इस पत्र को पेश करने के बाद अदालत ने न केवल महिला की ओर से दायर दहेज प्रताडऩा व घरेलू हिंसा के मामले को खारिज किया बल्कि उसके पति, सास व अन्य रिश्तेदारों को आरोपों से बरी कर दिया। साथ ही पति ने भी इस पत्र के माध्यम से अब पत्नी के खिलाफ मुकदमा दायर करने की कवायद शुरू कर दी है।
मामले के अनुसार फलौदी निवासी सीमा ने अपने पति रामकिशोर, सास जानकी देवी, जेठ रामेश्वर व जेठानी स्नेहलता के खिलाफ धारा 406 व 498 ए भारतीय दंड संहिता के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें ससुराल वालों की ओर से दहेज की मांग करने व स्कूटर मांगने का भी आरोप लगाया।
पति ने कोर्ट में पेश किया पत्र
इस पर पति की ओर से अदालत में पत्नी की ओर से मायके जाते समय उसके पति को लिखा गया एक पत्र पेश किया गया, जिसमें उसने अपने पति को लिखा था कि ''अब अपनी मां को ही पत्नी बना लेना व यह भी लिखा था कि पड़े रहना अपनी मां की बांहों में।
अधिवक्ता ने यह भी कहा कि स्वयं परिवादिया ने भी यह स्वीकार किया है कि उसका पति अपना अधिक समय अपनी मां व भाईयों के साथ बिताता था, जिसकी उसे शिकायत थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की साक्ष्य से यह स्पष्ट है कि परिवादिया अपनी सास व अन्य ससुराल वालों से रंजिश रखती थी तथा अपने पति का उनके पास जाना बर्दाश्त नहीं था।
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