हिन्दू धर्म में माना जाता है कि ब्रह्मा ने सृष्टि रची़, विष्णु प्रजा पालक हैं, भगवान शिव सृष्टि संहारक है। इन त्रिदेवों में शिव को प्रेम और आस्था से भोले भंडारी, कैलाशपति, विश्वनाथ आदि नामों से पुकारा जाता है। धर्माग्रंथ उजागर करते हैं कि भगवान शिव पूरे जगत के कण-कण में बसते हैं और पूरे संसार के कल्याणकारी देवता होने से वह भिन्न-भिन्न रुपों में पूजे जाते हैं। इन रुपों में से ही एक है भगवान शंकर का हिम स्वरुप यानी बर्फ का शिवलिंग, बाबा अमरनाथ की गुफा में प्रतिवर्ष प्रकट होता है। यह स्वयंभू शिवलिंग माना जाता है। यह पवित्र गुफा भारत के जम्मू-कश्मीर प्रदेश में स्थित है।
बाबा अमरनाथ हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थों में से एक है। हिन्दू धर्म मान्यताओं के मुताबिक यह वही पवित्र स्थान है, जहां भगवान शंकर ने माता पार्वती के सामने अमरता का रहस्य उजागर किया। इसलिए यह बाबा अमरनाथ की गुफा के नाम से प्रसिद्ध हुई। इसमें बर्फ के शिवलिंग के साथ माँ पार्वती और श्री गणेश का भी बर्फ से प्राकृतिक स्वरूप भी बनता है। गुफा में अमरकुंड का जल प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। गुफा में टपकता बूंद-बूंद जल भक्तों के लिए शिव का आशीर्वाद होता है और गुफा में दिखाई देने वाला अमर कबूतरों का जोड़ा तीर्थयात्रियों को अलौकिक आनन्द देता है।अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अब यह बाबा अमरनाथ की पवित्र तीर्थ यात्रा 24 जून को सुबह 5 बजे से जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार कैंप से शुरू होगी। इसका समापन श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन (इस बार 2 अगस्त) के दिन होगा। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सूत्रों के अनुसार इस बार बाबा बर्फानी का 18 फीट से भी ऊंचा शिवलिंग स्वरूप प्रकट हुआ है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 जून 2012
प्रकट हुए विज्ञान को चौंकाते 18 फीट से ऊंचे बर्फानी बाबा! यात्रा कल से..
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