नई दिल्ली.बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी ही पार्टी की आलोचना की है। आडवाणी ने कहा है कि पार्टी में उत्साह नहीं है और पार्टी को अपने भीतर झांकना होगा। आडवाणी ने पार्टी को यह सलाह अपने ब्लॉग पर ताज़ा पोस्ट में दी है। ब्लॉग में आडवाणी ने कहा है, पार्टी में आजकल जीत का मूड नहीं है। उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे, मायावती द्वारा हटाए गए मंत्री को पार्टी में लिए जाने, झारखंड और कर्नाटक के मामले में पार्टी के रवैये के चलते पार्टी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को धक्का लगा है।
इन मुद्दों पर आडवाणी और पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गया है। माना जा रहा है कि आडवाणी से नाराज हैं। आडवाणी नितिन गडकरी को अध्यक्ष के तौर पर दोबारा कार्यकाल दिए जाने के पक्ष में नहीं है। नरेंद्र मोदी द्वारा दबाव बनाकर मुंबई में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान संजय जोशी का इस्तीफा दिलवाए जाने पर भी आडवाणी गडकरी से नाराज बताए जा रहे हैं।
यह मुद्दा कितना गंभीर है, इस बात अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि गुरुवार को बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने महंगाई और आर्थिक विकास की गति धीमी पड़ने पर यूपीए सरकार की आलोचना की। इसके बाद जब पत्रकारों ने आडवाणी के ब्लॉग के बारे में पूछा तो वे प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए।
कांग्रेस ने आडवाणी के ब्लॉग पर चुटकी ली है। पार्टी की नेता और केंद्र में मंत्री अंबिका सोनी ने इस मुद्दे पर कहा, 'हम लोग तो पहले से ही कह रहे हैं कि बीजेपी को पहले अपना घर दुरुस्त करना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि बीजेपी आडवाणी की बात सुनेगी।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 मई 2012
आडवाणी ने गडकरी पर साधा निशाना, सवालों से भागे जावड़ेकर
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