तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 मई 2012
अपने अल्फाजों में देश ..समाज..के तास्सुरात पेश करते है राजीव चतुर्वेदी
दोस्तों आप हैं राजीव चतुर्वेदी जी ..हाँ राजीव चतुर्वेदी जो नजाकत के लियें मशहूर शहर लखनऊ में पले बढ़े है ..नवाबों की इसी नगरी में आपने साहित्य से लगाव राख है ..और लिखते गिरते पढ़ते आप आज एक ऐसे कलमकार ..ऐसे साहित्यकार है जो जज्बातों ..हालातों की हकीक़त को अल्फाजों में पिरो कर जब लिखते है तो खुद बा खुद दिल से वाह निकल पढती है .......दोस्तों लखनऊ यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण कर इस लाल ने पहले साहित्य और पत्रकारिता के प्रति अपना लगाव इस हद तक बढ़ा लिया के देश की सभी छोटी बढ़ी मेग्ज़िनों ..अख़बारों में इनकी रचनाएँ इनके लेख ..आलेख प्रकाशित होने लागे और अपने छोटे से लेखन काल में राजीव चतुर्वेदी ने पांच हज़ार से भी अधिक लेख ..कविताएँ लिख डालीं ..इनकी एक एक रचना में देश के ..समाज के हालात है ..छोटे से बच्चे का दर्द ..माँ का प्यार ..देश की आर्थिक स्थिति और कानून व्यवस्था पर शब्दों का वार देश की सियासत और नेताओं के चरित्र का सच जब यह अपनी कलम से उजागर करते है तो यकीन मानिये ऐसा लगता है जेसे हम नेताओं के हालातों का लाइव टेलीकास्ट देख रहे है .......आपके अलफ़ाज़ ..आपकी रचनाएँ ..क्रन्तिकारी भी हैं ..समालोचक भी है तो साहित्य को एक नया रूप नई पहचान भी दे रही है ...चंद अल्फाजों में देश भर का दर्द उकेर देना कोई मामूली बात नहीं है लेकिन इस कठिन काम को राजीव चतुर्वेदी रोज़ अपनी फेसबुक पर कामयाबी के साथ करते है ...मेरे जेसे इन्होने अपने इसी अंदाज़ को बया कर न जाने कितने हजार लाख फेन बना डाले है ....दोस्तों राजीव चतुर्वेदी साहित्य से तो जुड़े ही है लेकिन इन्होने आधारशिला ग्रुप बनाया है जिसके आप चेयरमेन है ..नो जुलाई का दिन इनके लियें ख़ास है क्योंकि इसी दिन अपन का जन्म हुआ था .....राजीव चतुर्वेदी जिस निराले अंदाज़ में लिख कर लोगों को अपना दीवाना बना लेते है इसी तरह इन्होने आधारशिला ग्रुप के माध्यम से साहित्य के साथ साथ मिठास बाँटने का भी काम शुरू किया है आप बच्चों के लिएँ चोक्लेतें और मीठी सुपारी के साथ साथ मीठे और मुधर अल्फाजों में कविताएँ ..गीत.. रचनाएँ और लेख बांटते है जिसमे समाज के हर तबके की तस्वीर और उनके तास्सुरात होते है ऐसे साहित्यकार ..कलम कर भाई राजीव चतुर्वेदी को सलाम ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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