जयपुर.छह साल की उम्र में सुनील चौधरी की आंखों की रोशनी चली गई, लेकिन हौसले कभी कम नहीं हुए और मेरिट में आने की जिद पूरी कर दिखाई। सुनील ने दसवीं में 94.17% अंक प्राप्त कर स्टेट मेरिट में 14वां स्थान प्राप्त किया है। वैद्यजी का चौराहा निवारू रोड निवासी सुनील ने बताया कि उसे शुरू से ही मेरिट में आने का भरोसा था। उसने दृष्टिहीनों के लिए बनी मेथ्स स्लेट व जर्मन स्लेट से पढ़ाई की।
उसके पिता महेंद्र चौधरी हरमाड़ा थाने में हैड कांस्टेबल हैं। वे मूलत: लीखवा (झुंझुनूं) के रहने वाले हैं। सुनील आर्य नगर मुरलीपुरा स्थित एनके पब्लिक स्कूल का छात्र है। उसने बताया कि माता पिता व गुरुजनों के आशीर्वाद से ही यह संभव हो पाया। परीक्षा में उसकी राइटर नवीं कक्षा में पढ़ने वाली दादी का फाटक निवासी निहारिका श्रीपारीक रही।
ईश्वर में विश्वास करने वाले सुनील के पिता महेंद्र चौधरी बेटे के मेरिट में आने की मन्नत मांगने वैष्णो देवी गए हुए हैं। उन्होंने 30 मई को वहां माता के दर्शन किए। इसके अगले ही दिन 31 मई को बेटा मेरिट में आ गया। स्कूल के निदेशक कुलदीप सिंह ने बताया कि सुनील की याददाश्त बहुत तेज है।
उसके पिता महेंद्र चौधरी हरमाड़ा थाने में हैड कांस्टेबल हैं। वे मूलत: लीखवा (झुंझुनूं) के रहने वाले हैं। सुनील आर्य नगर मुरलीपुरा स्थित एनके पब्लिक स्कूल का छात्र है। उसने बताया कि माता पिता व गुरुजनों के आशीर्वाद से ही यह संभव हो पाया। परीक्षा में उसकी राइटर नवीं कक्षा में पढ़ने वाली दादी का फाटक निवासी निहारिका श्रीपारीक रही।
ईश्वर में विश्वास करने वाले सुनील के पिता महेंद्र चौधरी बेटे के मेरिट में आने की मन्नत मांगने वैष्णो देवी गए हुए हैं। उन्होंने 30 मई को वहां माता के दर्शन किए। इसके अगले ही दिन 31 मई को बेटा मेरिट में आ गया। स्कूल के निदेशक कुलदीप सिंह ने बताया कि सुनील की याददाश्त बहुत तेज है।
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