प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विधायक बिरला समर्थकों के वाहन केशवपुरा चौराहे पर थे। प्रशिक्षु आईपीएस विकास शर्मा ने कार्यकर्ता श्याम पेशवानी को रास्ते से कार हटाने के लिए कहा और कार में बैठे श्याम को कॉलर पकड़ कर बाहर खींचा। ये देख बिरला बिफर पड़े। वे विकास की तरफ बढ़े और उनके बीच कहासुनी हो गई। पुलिसकर्मियों ने लाठियां फटकारना शुरू कर दिया। इस पर कुछ कार्यकर्ता भाग खड़े हुए। इसी बीच डीएसपी पारस जैन ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। इस लाठीचार्ज में दो-तीन कार्यकर्ताओं को मामूली चोटें आईं।
इसी दौरान मजिस्ट्रेट नियुक्त यूआईटी डिप्टी सेक्रेट्री गोपालराम मिर्धा वहां आ गए। उन्होंने एक पुलिसकर्मी से लाठी ली और कार्यकर्ताओं पर फटकारना शुरू कर दिया। इस पर कार्यकर्ता और मिर्धा के बीच झड़प हो गई। विधायक बिरला से भी उनकी तीखी-नोकझोंक हुई। इसी दौरान मिर्धा ने बिरला का हाथ पकड़ लिया। यह नजारा देख रही बिरला समर्थक अनुसूइया गोस्वामी आक्रोशित हो गई और उन्होंने मिर्धा के गाल पर थप्पड़ जड़ दिया। यह होते ही अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस ने दुबारा से लाठियां फटकारी और कार्यकर्ताओं को खदेड़ दिया। पुलिस व बिरला समर्थकों के बीच काफी देर तक धक्का-मुक्की हुई। महिला पुलिसकर्मियों ने अनुसूइया को पकड़ लिया। उसे वहां से दादाबाड़ी थाने ले गई। मौके पर पहुंचे एएसपी लक्ष्मण गौड़ ने विधायक बिरला से बात की और मामला शांत कराया। पुलिस ने महिला कार्यकर्ता अनुसूइया को शांतिभंग के आरोप में गिर तार कर एडीएम सिटी के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया।
हाथ चलाया था, लेकिन थप्पड़ लगा नहीं
प्रदर्शनकारी बीच चौराहे पर वाहन खड़ा करके आने-जाने वाले वाहन चालकों के साथ अभद्रता कर रहे थे। आईपीएस शर्मा ने उन्हें मना किया तो उनके बीच कहासुनी हो गई। इसी दौरान हम सब वहां पहुंचे। हमने कार्यकर्ताओं को खदेड़ा। कुछ कार्यकर्ताओं से कहासुनी हो रही थी, जब ही महिला ने मारने के लिए हाथ चलाया, लेकिन वो मुझे थप्पड़ लगा नहीं। बाद में पुलिस ने महिला को पकड़ लिया।
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