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21 मई 2012

हमारे खिलाफ लडऩे वाले ही आज सरकार में : गहलोत


बिड़ला ऑडिटोरियम में राजीव गांधी के बलिदान दिवस पर कांग्रेस सेवादल की ओर से आयोजित सम्मेलन में गहलोत ने अन्य पाटियों से चुनाव जीतकर सरकार में शामिल हुए विधायकों को लेकर परोक्ष रूप से अपनी मजबूरी बयां की। गहलोत ने यह बात तब कही जब सेवादल की ओर से सत्ता में भागीदारी को लेकर जोर-शोर से मांग उठने लगी। उन्होंने कहा कि वे अपने लोगों की सत्ता में हर स्तर पर भागीदारी के पक्ष में हैं और उन्हें जरूर मौका मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सेवादल के सम्मेलन में बयां की मजबूरी। सेवादल कार्यकर्ताओं ने उठाई सत्ता में भागीदारी की मांग

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि चुनाव में पार्टी के खिलाफ लडऩे वाले 16 लोग उनकी सरकार का हिस्सा हैं। ये लोग आज सरकार का साथ दे रहे हैं। हम इन्हें भी साथ लेकर चलेंगे। यूपीए सरकार के सामने आज सहयोगी दल कई प्रकार की अड़चन पैदा कर रहे हैं, लेकिन परिस्थितियों से तालमेल बैठाना पड़ता है। इस बात को हमें समझना चाहिए।


गहलोत ने भाजपा पर निशाना जारी रखते हुए कहा कि यह वह पार्टी है जिसे आमआदमी से कुछ लेना-देना नहीं। भ्रष्टाचार खत्म करने का एजेंडा उनकी पार्टी का रहा है, लेकिन अब भ्रष्टाचार में लिप्त ये लोग ही इस मुद्दे पर बात करने लगे हैं। वसुंधरा राजे का नाम लिए बिना गहलोत ने कहा कि जो लोग अपनी ही पार्टी की यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए पार्टी छोडऩे की धमकी देते हैं। जो अपनी ही पार्टी के नहीं हुए वे इस प्रदेश का क्या भला करेंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।


कहीं सेवा ही न करते रह जाएं सेवादल कार्यकर्ता: डॉ. चंद्रभान



कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने सेवादल कार्यकर्ताओं की सत्ता में भागीदारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाते हुए कहा कि कहीं ऐसा न हो जाए कि सेवादल कार्यकर्ता सेवा ही करते रह जाएं। मुख्यमंत्री की ओर देखते हुए डॉ. चंद्रभान ने कहा कि ऐसा न हो कि ज्यादा मांगने वाले को मिल जाए और कम मांगने वाले को कुछ नहीं मिले। इस बात का हमें ख्याल रखना होगा।


अनुशासन का पाठ पढ़ा और इधर खाने के लिए भगदड़:

कार्यकर्ताओं ने करीब ढाई घंटे तक सम्मेलन में अनुशासन का पाठ पढ़ा। जैसे ही कार्यक्रम खत्म हुआ बाहर खाने के लिए कतार लगने लगी, लेकिन देखते ही देखते कार्यकर्ताओं में पैकेट के लिए भगदड़ सी मच गई। इस दौरान कई कार्यकर्ता एक-दूसरे के हाथों से पैकेट ले भागे तो कईयों की एक-दूसरे से हाथापाई तक हो गई। हालांकि सेवादल के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से समय रहते स्थिति को संभाल लिया। महिला कार्यकर्ताओं को भी इस दौरान खासा परेशान होना पड़ा।

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