यूं तो लोग अक्सर भगवान के दर जाकर अपने गुनाहों का प्रायश्चित करते हैं, मुरादों में कोई सुख-समृद्धि मांगता है तो कोई संतान की कामना से चरणों में अपना शीश झुकता है|लेकिन यदि आपको पता चले कि मां का एक मंदिर ऐसा भी है जहां अक्सर गुनहगारों का तांता लगा रहता है और गुनहगार इस मंदिर में अपने गुनाह की कामयाबी की मन्नत मांगते हैं तो आप आश्चर्यचकित हुए बगैर न रह सकेंगे|
जी हां यह मंदिर है राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में| घने जंगलों के बीच स्थित यह मंदिर दिबाक माता के मंदिर के नाम से जाना जाता है| इस मंदिर में अक्सर चोरों बदमाशों की कतारें लगीं रहती हैं, जो अपने मकसद में कामयाब होने के लिए मन्नत मांगते हैं और सफल हो जाने के बाद वे यहां भेंट स्वरुप हथकड़ी चढ़ाते हैं|
सैकड़ों वर्ष पुरानी हथकडियां आज भी यहां देखी जा सकती हैं जिससे पता चलता हैं यह मंदिर प्राचीन से ही डाकुओं,बदमाशों की आस्था का केंद्र रहा है|इतिहास को खगाला जाए तो पता चलता है कि लुटेरे और डाकू अपने मकसद को अंजाम देने से पहले मां के इस मंदिर में आते थे और काम पूरा होने के बाद वे यहां हथकड़ी चढ़ाते थे| ऐसा करने के पीछे मान्यता थी कि मां उन्हें पुलिस से बचाती रहेगी|धीरे-धीरे यह मान्यता एक आस्था का केंद्र बन गई और दूर-दूर से पेशेवर मुजरिम यहां आने लगे|
गुनहगारों के परिजन भी मांगते हैं मन्नत:
मां के इस मंदिर में सिर्फ गुनहगार ही नहीं बल्कि वे लोग भी जाते हैं जिनके परिजन जेल में होते हैं| वे यहां आकर मां की पूजा करते हैं औरअपने परिजनों की रिहाई की दुआ मांगते हैं|
क्रांतिकारी भी जाते थे इस मंदिर में:
यहां के कुछ स्थानीय निवासियों के अनुसार में आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले क्रातिकारी भी इस मंदिर में आकर देश की आज़ादी की दुआ मांगा करते थे|
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