बारातियों को जिस रास्ते से गुजरकर दोरनापाल पहुंचना था उसे माओवादियों ने दर्जनों जगह खोद डाला था। बारातियों ने गड्ढ़ों को पाटा फिर आगे जा पाए। इस फेर में साढ़े 4 घंटे का सफर ९ घंटे में पूरा हो पाया। बारात रात साढ़े आठ बजे दुल्हन के यहां पहुंची। बारातियों ने बताया वाहनों को कभी मेढ़ से निकालना पड़ा और कभी मारूति वैन को उठाकर बाधा पार करनी पड़ी।
रास्ते में दंतेवाड़ा, चिंगावरम, डलियारास, गादीरास, सुकमा, दुबाटोटा में नक्सलियों ने रास्ते काट डाले थे। सभी गड्ढ़ों को पाटते हुए बाराती आगे निकले
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