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17 मई 2012

ख़ौफ के बीच शादी,फावड़ा- बेलचा लेकर चलते हैं बाराती

रायपुर. बहुत कम बारात के साथ ऐसा हुआ होगा कि बारातियों को सफर के इंतजाम के लिए अपने साथ फावड़ा, बेलचा, बोल्डर, ईंट और लकड़ी लेकर दुल्हन लेने जाना पड़ा हो। 16 मई को माओवादियों के महाबंद पर ऐसी ही बारात बीजापुर से दोरनापाल पहुंची। बीजापुर के टेलर मास्टर दुल्हे वसीम का निकाह दोरनापाल की तब्बसुम से तय हुई थी। बारात बीजापुर से दोरनापाल के लिए 16 मई की दोपहर रवाना हुई।


बारातियों को जिस रास्ते से गुजरकर दोरनापाल पहुंचना था उसे माओवादियों ने दर्जनों जगह खोद डाला था। बारातियों ने गड्ढ़ों को पाटा फिर आगे जा पाए। इस फेर में साढ़े 4 घंटे का सफर ९ घंटे में पूरा हो पाया। बारात रात साढ़े आठ बजे दुल्हन के यहां पहुंची। बारातियों ने बताया वाहनों को कभी मेढ़ से निकालना पड़ा और कभी मारूति वैन को उठाकर बाधा पार करनी पड़ी।

रास्ते में दंतेवाड़ा, चिंगावरम, डलियारास, गादीरास, सुकमा, दुबाटोटा में नक्सलियों ने रास्ते काट डाले थे। सभी गड्ढ़ों को पाटते हुए बाराती आगे निकले

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