तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 मई 2012
यह देश का लोकतंत्र है जहाँ सांसद महीनों जेल में रहने के बाद भी न तो निलम्बित होता है और ना ही बर्खास्त वोह तो संसद में मजे करता है
दोस्तों हमारा भारत महान विश्व का सबसे बढ़ा लोकतंत्र लेकिन इस लोकतंत्र की अजीब बात यह है के यहाँ अगर कोई सरकारी कर्मचारी किसी अपराधिक मुकदमे में जेल चला अजय तो चोबीस घंटे की जेल के बाद उसका नोकरी से निलम्बन और उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू हो जाती है फिर इस मामले में चाहे चपड़ासी हो चाहे प्रशासनिक अधिकारी कोई भेदभाव नहीं रहता लेकिन दूसरी तरफ जो देश के लियें कानून बनाते है संसद में बेठ कर देश को मर्यादाओं का पाठ पढाते है देश की सुरक्षा अस्मत के ठेकेदार होते है उन पर यह नियम लागू नहीं होता जनाब ऐसे लोग जेल में जाते है गुर्राते है और फिर संसद में ठहाके लगाते है कितनी अजीब बात है के कोनीमोझी..सुरेश कलमाड़ी ..ऐ राजा और ना जाने कितने विधायक कितने सांसद भ्रष्टाचार के मामलों में कई दिनों ..कई महीनों तक जेल में रहते है और फिर यही लोग संसद में जाकर जनता को ईमानदारी और मर्यादाओं का पाठ पढ़ते है तो है न मजेदार लोकतंत्र जहां अंग्रेजों से भी ज्यादा खतरनाक कानून है के नोकर या अधिकारी कोई गलती करे तो उसका निलम्बन ...उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और अगर सांसद ..विधायक मंत्री कुछ क्या बहुत बढ़ी गलती बहुत बढ़ा अपराध भी कर ले तो उसके लियें ना कानून ना मर्यादा ना सिद्धांत ना ही संसद का कोड ऑफ़ कन्डक्ट बस जनाब जेल से निकले नहाए धोये और फिर से संसद में मजे करते है इनके निलम्बन इनकी बर्खास्तगी का कोई कोड ऑफ़ कन्डक्ट इस देश में नहीं है यह तो अंग्रेजों से भी खतरनाक काला कानून हुआ न जबकि क्विन एलिजाबेथ दागी एजेंटों को तो सजा देती थी लेकिन यहाँ तो यह भी नहीं है खाते है और गुर्राते है शायद इसी का नाम मेरे भारत का लोकतंत्र हो गया है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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