सभी देवी-देवताओं में सूर्य का रूप परम तेजस्वी है। सूर्य की पूजा करने से भक्तों का रूप भी उनके जैसा ही तेजस्वी और गौर वर्ण हो जाता है। सूर्य देव सभी को तेज प्रदान करते हैं परंतु उनके पुत्र शनि का रूप श्याम वर्ण है। सूर्य पुत्र होने के बाद भी शनि का रंग काला क्यों है इस संबंध में शास्त्रों में एक कथा बताई गई है।
इस कथा के अनुसार सूर्य देव का विवाह प्रजापति दक्ष की पुत्री संज्ञा से हुआ। सूर्य का रूप परम तेजस्वी था, जिसे देख पाना सामान्य आंखों के लिए संभव नहीं था। इसी वजह से संज्ञा उनके तेज का सामना नहीं कर पाती थी। कुछ समय बाद देवी संज्ञा के गर्भ से तीन संतानों का जन्म हुआ। यह तीन संतान मनु, यम और यमुना के नाम से प्रसिद्ध हैं। देवी संज्ञा के लिए सूर्य देव का तेज सहन कर पाना मुश्किल होता जा रहा था इसी वजह से संज्ञा ने अपनी छाया को पति सूर्य की सेवा में लगा दिया और खुद वहां से चली गई। कुछ समय पश्चात संज्ञा की छाया के गर्भ से ही शनि देव का जन्म हुआ। छाया का स्वरूप काला ही होता है इसी वजह से शनि भी श्याम वर्ण यानी काले रंग के हुए।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 मई 2012
क्या आप जानते हैं, क्यों है शनि देव का रंग काला?
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)