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01 मई 2012

अपराधी जी की फरारी ..और अस्पताल में जेल की अभिरक्षा की अजब कहानी

हत्या के प्रभावशाली आरोपी की एक फरारी की दास्ताँ के कुछ लम्हे कुछ किस्से जो उसने सुनाए वोह आपके सामने पेश हैं जनाब कोटा में एक कत्ल हुआ उसमे एक प्रभावशाली व्यक्ति सहित तीन चार अन्य अभियुक्त थे ..अभियुक्तों की पुलिस को तलाश थी और वोह पुलिस से भागे भागे फिर रहे थे ..भगोड़े आरोपियों को एक आसरे की तलाश थी सो उसने अपने एक रिश्तेदार जहाँ एक अकेला लडका रहता था वोह घर तलाशा ...उसकी दिनचर्या ही अलग थी ..आरोपी लोग जब उस घर में पहुंचे तो वहां शाम को दस बजे बाद सुबह होती थी दो तीन दोस्त आ जाते और और फिर गपशप शुरू आधी रात को चाय पीने जाने की जिद ..एक दो दिन में ही जनाब अपराधी लोग परेशान हो गए और फिर उन्होंने अपने एक मित्र के यहाँ गाँव जाने की ठानी ..वहां पहले से ही पुरे गाँव में जहां वोह जाना चाहते थे उस घर के एक नोजवान जो हनुमान भक्त था एलान कर दिया के अ इस गाँव में किसी में भी हिम्मत है तो उसे टकरा कर बताएं ..क्योंकि उनके यहाँ कोटा के उस्ताद आ रहे हैं जिन्होंने कत्ल किये है ..यह अपराधी जी जेसे ही गाँव पहुंचे उनके मित्र सरपंच ने कहा के भाई यहाँ तो पहले से ही आपके बारे में एलान हो चूका है कब चक्कर में आ जाओ कुछ कह नहीं सकते .खेर फरारी के इस सिलसिले के बाद उन्हें जेल जाना पढ़ा ..प्रभावशाली आरोपी जी जेल नहीं रहना चाहते थे इसलिए उन्होंने खुद को बीमार बताया और रसुकात के आधार पर अस्पताल में भरती हो गए ..करीब दो माह तक एक हष्ट पुष्ट अपराधी जी बीमार बन कर अस्पताल में मज़े करते रहे अचानक अस्पताल में बीमार मुलजिमों की जाँच के लियें छापा पढ़ा जो बीमारी उन्हें बताई गयी थी नहीं निकली अपराधी जी को डिस्चार्ज कर जेल में भेजने के तय्यारी की जाने लगी ..अपराधी जी ने फिर रसुकात भिडाये ..उन्हें एक नेता जी ने पागलों के डॉक्टर से मिलाया डोक्टर ने पर्चा बनाया और उन्हें पागलों के वार्ड में जाने के लियें कहा डोक्टर साहब के कोई रिश्तेदार के यहाँ शादी थी इसलियें उन्होंने कहा के यह दवा मत लेना और सीधे वार्ड में जाकर नर्स से मेरी बात करा देना ...बस अपराधी जी वार्ड में गए नर्स जी को पर्चा दिया नर्स जी ने अपराधी जी को देखा और पलंग पर लेटने को कहा अपराधी जी पलंग पर लेट गए पुलिस वाले भी साथ थे ..इसी बीच दवा और इंजक्शन का वक्त हुआ अपराधी जी के इंजक्शन लगाने नर्स जी आ गयीं ..अपराधी जी ने कहा के में पागल नहीं हूँ .डोक्टर साहब से बात कर लो लेकिन नर्स ने कहा के यहाँ तो जो आता है यही कहता है और उनके पीछे इंजक्शन लगाने के लियें पढ़ गयी अपराधी जी भागने की कोशिश करने लागे तो दो तीन लोगों को बुला कर उन्हें पकड़वाया और इंजेक्शन लगाने के लियें नर्स जेसे ही तय्यार हुई अपराधी जी पूरी ताकत से प्रतिकार कर भागे और बाहर चले गए ...खेर नर्स की डियूटी खत्म हुई दूसरी नर्स की डियूटी आई अपराधी जी ने उनसे सेटिंग की और फिर पागलों के वार्ड में भर्ती हो गए .इसी बीच एक पहलवान पागल जी उस वार्ड में आये और सभी को खुद को दादा बताकर मार पिटाई करने लागे ..पहलवान पागल के जब इंजक्शन लगाने का नम्बर आया तो उसने सभी को मारपिटाई और तेज़ी से करना शुरू कर दिया ..आखिर अपराधी जी को नरसिंह स्टाफ ने याद किया अपराधी जी ने पहलवान पागल मरीज़ को पटाया उनसे बातें की और कहा के उस्ताद आप तो पहलवान हो सबसे बढ़े दादा हो लेकिन बस एक सुई से डरते हो इससे सभी को आपकी मर्दानगी पर शक होता है पहले तो पहलवान पागल जी अपराधी जी पर गुर्राए फिर कहा के कोन कहता है के में सुई से डरता हूँ नर्स को बुलाया और हाथ आगे कर कहा लो सुई लगा दो में इस छोटी सुई से क्यूँ डरुंगा नर्स ने डरते डरते सुई लगाई और पहलवान जी बेहोश ...इसी बीच अपराधी जी की जमानत का आदेश आ गया और वोह जमानत पर आज़ाद हो गए लेकिन फरारी से लेकर जेल और अभिरक्षा अस्पताल का यह किस्सा उनके लियें यादगार बन गया जो उन्होंने हमे सुनाया और हमने आपको वेसे के वेसे ही परोस दिया है ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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