आपका-अख्तर खान

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28 अप्रैल 2012

देश के इतिहास में पहली बार सत्ता पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष को रिश्वत मामले में सजा हुई है ..अब तो हम खुद की सोच बदलें .खुद को बदलें

भाजपा के तात्कालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्ता में होते हुए खुलेआम रक्षा सोदों के घोटाले में रिश्वत लेने के दोषी रहे है और उन्हें अदालत ने कड़ा रुख अपना कर सजा दी है ..दोस्तों बंगारू लक्ष्मण को अदालत ने जो सज़ा दी है उसका सभी को स्वागत करना चाहिए ..दुनिया में कई तरह के लोग है एक तो वोह जो गिरोह बना कर देश को लूट रहे है उसमे ना जाती है ना धर्म है ना पार्टी पोलिटिक्स है उनका बस देश को लूटना प्रथम कर्तव्य है एक पक्ष वोह है जो किसी भी भ्रष्टाचार बेईमानी घटना को राजनीति और पार्टीबाजी से जोड़ कर देखता है ...राजनीति भी ऐसी के कोंग्रेस का आदमी पकड़ा गया तो पूरी कोंग्रेस चोर है भाजपा का आदमी पकड़ा गया तो पूरी भाजपा चोर है कोई भी पार्टी कोई भी समाज कोई भी जाती कोई भी धर्म पूरी चोर बेईमान भ्रष्ट नहीं होते है कुछ लोग होते हैं जिनकी वजह से देश बर्बाद और बदनाम है ऐसे लोग कहीं भी हो किसी भी धर्म किसी भी जाती किसी भी समाज किसी भी पार्टी में हैं उन्हें निकाल कर बाहर फेंकने का निष्पक्ष मन और निष्पक्ष मंच जब तक हम नहीं मनाएंगे इस पर राजनीति करते रहेंगे तो दोस्तों यकीन मानो एक दिन मेरे इस भारत महान को अपनी नजरे नीची करना पढ़ जायेंगी .इसलियें दोस्तों निष्पक्ष बनो और चोरों और बेईमानों के मुंह काले करो उन्हें बाहर निकालो ...आपको बंगारू लक्ष्मण का मामला याद होगा बेचारे तहलका जी जिन्होंने यह मामला उजागर किया था ..भाजपा ने इसे फ्रोड बताया इसकी कोई जांच नहीं करवाई और जांच हुई तो तहलका के तरुण तेजपाल के खातों की ..उनके घर में हिरन पालने की ..हिरन की खला बरामद होने की ..भाजपा ने उलटा चोर कोतवाल को डांटे के सिद्धांत पर तरुण तेजपाल तहलका सम्पादक का जीना दुश्वार कर दिया उससे चुन चुन कर बदला लिया ..बाद में सत्ता बदली जांच हुई और अब नतीजा सामने है भारत के इतिहास में पहला वाकया है जब किसी राजनितिक पार्टी वोह भी जिसने ईमानदारी और राष्ट्रभक्ति का ठेका ले रखा हो उसका शीर्ष नेता सत्ता के दोरान खुलेआम रिश्वत लेते हुए पकड़ा आज्ञा हो और फिर सभी सबूत उसके खिलाफ होने की वजह से उसे सजा मिली हो .........मध्यप्रदेश में जूदेव का मामला सभी को पता है खुलेआम रिश्वत लेते हुए टी वी पर मामला टेलीकास्ट हुआ लेकिन यह बेईमान है कोई पार्टी का आदमी मानने को तय्यार नहीं था नतीजा वोह सांसद बने पार्टी में बने रहे ..दूसरी तरफ कोंग्रेस पार्टी जिसके नेता जिससे जुड़े क्षेत्रीय दलों के नेता भ्रष्टाचार से खुलेआम जुड़े है .....क्रिकेट मामले में ललित मोदी फरार है ...शरद पंवार शक्कर सहित ना जाने कितने घोटाले करने के बाद भी सीना ताने घूम रहे है ..लेकिन कोंग्रेस जिसे पता चला के कोणी मोझी चोर है उनका मंत्री ऐ राजा चोर है तो उसे पकड़ा और जेल में डाल दिया खुद कोंग्रेस के सांसद पूर्व मंत्री खेल मामले में दोषी थे उन्हें पकड़ा जेल में डाल दिया पार्टी से निकाल दिया ..ऐसे ना जाने कितने उदाहरण है के कोंग्रेस ने जिन के खिलाफ भी आरोप साबित हुए उन्हें पकड़ा और जेल डाल दिया ..कोंग्रेस के राजस्थान के महिपाल मदेरणा हो ..चाहे दुसरे विधायक ..संसद हो उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में कभी नहीं बख्शा गया उन्हें पार्टी में भी नहीं रखा गया उन्हें अछूत सा पार्टी से निकाल दिया गया ..आज सभी भ्रष्ट लोग पार्टी से बाहर है ...तो दोस्तों एक तरफ तो वोह पार्टी वोह लोग है जो रंगे हाथो टी वी पर रिश्वत मामले का खुला प्रदर्शन होने पर भी किसी नेता के खिलाफ कोई कारवाही नहीं करते है उलटे शिकायतकर्ता को कटघरे में खडा कर उसे बेईज्ज़त करते है फिर सिद्धांतों की बातें करते है एक तरफ वोह लोग है जो कोंग्रेस में भ्रष्टाचार की पोल खुलती है तो खुद कोंग्रेस उनके अपने राज में उन्हें गिरफ्तार करवाती है सजा दिलवाती है और पार्टी से ऐसे लोगों को निकाल कर एक अनूठा उदाहरण पेश करती है फिर भी वोह पार्टी चोर बेईमानों की पार्टी कहलाती है तो भाइयों अप अपनी सोच बदलो .इरादे बदलो .पहले राष्ट्र के प्रति खुद ईमानदार बनो अगर कोंग्रेस का नेता चोर है तो वोह जेल जाना चाहिए अगर भाजपा या राष्ट्रवादी कोंग्रेस या सपा ..बसपा जनता दल का नेता चोर है तो वोह जेल जाना चहिये फिर इन दिनों तो अदालतों की सक्रियता है कोई नहीं सुनता है तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाओ निष्पक्ष होकर दोषी लोगों को सजा दिलवाओ जेल भिजवाओ ......अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है एजेंट शिप छोडो ..पार्टी बाज़ी छोड़ो सिर्फ एक ही इरादा एक ही लक्ष भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने का रखो और जब चुनाव आयें तो अगर कोंग्रेस बेईमान भ्रष्ट नेता को टिकिट देती है तो उसे पटखनी दे दो भाजपा अगर चोर को टिकिट देती है तो उसकी जमानत जब्त करा दो ..लेकिन अगर किसी छोटी पार्टी का नेता या कोई निर्दलीय भी ईमानदार नेतिकता वाला है तो उसे वोट डालकर संसद में पहुंचा कर तो देखो और केवल संसद में पहुंचा कर अपनी ज़िम्मेदारी मत भूल जाओ जब वोह संसद में आपकी बात नहीं रखे ...बेईमानी करता हुए दिखे तो उसका चमचा बनकर उसके पीछे दुम मत हिलाओ ......उसे संसदीय क्षेत्र में घुसने मत दो ..जहाँ मिले वहीँ घेरो उसकी नीन्द हराम कर दो या तो उसे सुधार दो या फिर उसे इस्तीफा देने को मजबूर करदो तब कहीं यह भारत महान बन्ने की तरफ अग्रसर हो सकेगा ..देश की समस्याओं और भ्रष्टाचार के मुद्दों को राजनीति से मत जोड़ो बस मुलजिम और सजा के बिंदु पर सोचो क्योंकि यह देश एक समाज है यह पार्टियाँ एक समाज है सभी पार्टियों में चोर भी है बेईमान भी है लुटेरे भी है तो कई लोग अच्छे आदर्शवादी भी है इसलियें गलती हमारी है हम गलत लोगों को छांट कर आगे बढ़ाते है ..अगर हम गेहूं और कंकर की तमीज़ समझने लागे तो यूँ गेहूं के साथ घुन की तरह नहीं पिसेंगे दोस्तों तो आप संकल्प लें आज से सिर्फ एक ही पार्टी इमानदारी ..नेतिकता ..निष्पक्षता और ऐसे लोग किसी भी पार्टी में हो वोह हमारे नेता है ना दल है ..ना जाट है ..ना पात है ..न धर्म है ..ना पार्टी पोलिटिक्स है बस ईमानदार काबिल व्यक्ति जहां कहीं भी किसी भी पार्टी में है वोह हमारा नेता है संकल्प ले और इसे कामयाब भी बनाएं .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान


लक्ष्‍मण को 4 साल की जेल, 1 लाख का जुर्माना





नई दिल्‍ली. तहलका कांड में दोषी करार दिए गए भाजपा के पूर्व अध्‍यक्ष बंगारू लक्ष्‍मण को आज सीबीआई की विशेष अदालत ने 4 साल के सश्रम कारावास के साथ ही एक लाख रुपये के जुर्माना की सज़ा सुनाई है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि समाज में 'सब चलता है' के रवैये के चलते भ्रष्टाचार फैलता जा रहा है। बंगारू लक्ष्मण के वकील ने अदालत के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए कहा है कि वे इसके खिलाफ अपील करेंगे।

इससे पहले सीबीआई ने अदालत से लक्ष्मण को पांच साल की सजा देने का आग्रह किया था। वहीं, लक्ष्‍मण ने अदालत से गुहार लगाई कि उन्‍होंने पहली बार कोई अपराध किया है और उनकी दो बाईपास सर्जरी हो चुकी हैं। उनके स्‍वास्‍थ्‍य और उम्र को देखते हुए नरमी का रूख अपनाया जाए। लेकिन अदालत ने लगता है कि उनकी यह दलील नहीं मानी है।

अदालत ने शुक्रवार को दोषी ठहराया था। 11 साल पुराने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष पर आरोप था कि उन्‍होंने एक फर्जी रक्षा सौदे में हथियारों के नकली सौदागरों से रिश्‍वत ली। चार अप्रैल को एडीशनल सेशन जज कंवलजीत अरोड़ा ने सीबीआई के वकीलों और अभियुक्‍त पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।

सीबीआई के अनुसार बंगारू 2001 में एक न्‍यूज पोर्टल तहलका के स्टिंग 'ऑपरेशन वेस्टएंड' में कैमरे में रिश्‍वत लेते हुए पकड़े गए। इसमें पत्रकारों ने ब्रिटेन की एक हथियार कंपनी के एजेंट बन कर उनसे मुलाकात की और भारतीय सेना के लिए थर्मल इमेजर्स की खरीद के बदले रिश्‍वत देने की पेशकश की। इन वीडियो सीडी को 13 मार्च 2001 में जारी किया गया था।

स्टिंग ऑपरेशन की मदद से पत्रकारिता को नया आयाम देने वाले इस मामले के सामने आने के बाद बंगारू लक्ष्‍मण को तत्‍कालीन सत्‍तारूढ़ पार्टी भाजपा के अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा देना पड़ा था। हालांकि, लक्ष्मण आज भी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं।

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