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06 अप्रैल 2012

'नेताओं को सलाम करती है सीबीआई, क्यों न इसे बंद कर दें'




जयपुर.दारा सिंह एनकाउंटर केस में आरोपियों को लेकर दोहरा चरित्र अपनाने पर हाईकोर्ट ने सीबीआई की जमकर खिंचाई की। हाईकोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीबीआई राजनीतिज्ञों को सलाम करती है..नाश्ता कराती है और बिना पूछताछ जेल तक छोड़कर आती है।

एक ही मामले में एक आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने का आग्रह करती है तो दूसरे आरोपी को लंबे पुलिस रिमांड पर भेजने की मांग करती है। न्यायाधीश महेश चंद्र शर्मा ने यह टिप्पणी शुक्रवार को दारा सिंह एनकाउंटर केस के आरोपी तत्कालीन हैड कांस्टेबल जगराम की आपराधिक विविध याचिका पर सुनवाई के दौरान की।

न्यायाधीश ने जिला व सेशन न्यायालय जयपुर जिला में इस केस की सुनवाई धीमी गति से होने पर सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक एसके सक्सेना को निर्देश दिए कि वे 9 तारीख को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हों।

गौरतलब है कि इस केस में सीबीआई ने पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को गुरुवार को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ अदालत में चालान पेश किया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की गुहार की थी।

जगराम ने याचिका में यह कहा

आरोपी जगराम ने याचिका में कहा कि वह पिछले 10 महीनों से जेल में है। जिला व सेशन न्यायालय जयपुर जिला में केस की सुनवाई धीमी हो रही है जबकि 3 जून 11 को चालान पेश होकर 25 अगस्त 11 को आरोप भी तय हो चुके हैं। केस में 254 गवाह हैं और पहली गवाही 31 अक्टूबर 11 को हुई थी लेकिन 18 गवाहों के ही बयान हुए हैं।

उसने अदालत में 17 अक्टूबर 11 को दैनिक सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया। लेकिन सीबीआई ने इसका यह कहते हुए विरोध किया कि उनके विशेष लोक अभियोजक सक्सेना दिल्ली में अपने निजी मुकदमों में व्यस्त हैं। प्रार्थना पत्र पर अदालत ने कोई आदेश नहीं दिया है इसलिए केस में दैनिक सुनवाई नहीं हो रही है। सीबीआई केस की दैनिक सुनवाई नहीं चाहती, जबकि अदालत में 25 से 30 ही सेशन केस हैं, लिहाजा जल्द सुनवाई का निर्देश दिया जाए।

राजनीतिज्ञों को नाश्ता कराती है

>गोपालगढ़ से लेकर जोधपुर तक सीबीआई की दोहरी भूमिका है और ऐसे में इस जांच एजेंसी को बंद कर देना चाहिए।

>जिस उद्देश्य के लिए सीबीआई बनी है उसके स्थान पर यह स्वार्थ पूर्ण उद्देश्य में लग गई है। सीबीआई गैर मानवीयता से काम कर रही है और केस की ट्रायल धीमी गति से चला रही है।

>अदालत किसी भी आरोपी को निष्पक्ष व जल्द न्याय दिलवाने से इंकार नहीं कर सकता।

>विशेष लोक अभियोजक दो-तीन दिन ही आते हैं तो ऐसे में उनकी सेवाओं को खत्म कर अन्य अधिवक्ता की नियुक्ति किया जाए।

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