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23 अप्रैल 2012

गर्मियों का ''अमृत'- इसका थोड़ा सा ज्यूस सारी हेल्थ प्रॉब्लम का सॉल्युशन है





बिल्व या बेल की पत्तियों को शंकर भगवान का प्रिय माना जाता है। यह पूरा पेड़ गुणों के लिए जाना जाता है। बेल के फलों का शर्बत बड़ा ही गुणकारी होता है। यह शर्बत पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। आंखों की रौशनी में कमी, पेट में कीड़े और लू लगने जैसी समस्याओं से निजात पाने के लिये उत्तम है। बेल की पत्तियों मे टैनिन, लोह, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नेशियम जैसे रसायन पाए जाते है। बेल के फलों में बिल्वीन नाम या मार्मेसोलिन नामक तत्व एक प्रधान सक्रिय घटक होता है। इसके अतिरिक्त गूदे में लबाब, पेक्टिन, शर्करा, तेल पाए जाते हैं।

इसके पत्तों का रस छानकर एक-दो बूंद आंखों में टपकाएं। दुखती आंखों की पीड़ा, चुभन, शूल ठीक होकर आंखों की रोशनी बढ़ेगी। पत्तियों का रस यदि घाव पर लगाया जाए तो घाव अतिशीघ्र सूखने लगता है। गर्मियों मे पसीने और तन की दुर्गंध को दूर भगाने के लिये यदि बेल की पत्तियों का रस नहाने के बाद शरीर पर लगा दिया जाए तो समस्या से छुटकारा मिल सकता है। बेल के कच्चे फल और पत्तियों को गौ-मूत्र जिन्हे हाथ-पैर, तालुओं और शरीर में अक्सर जलन की शिकायत रहती हो उन्हे कच्चे बेल फल के गूदे को नारियल तेल में एक सप्ताह तक डुबोए रखने के बाद, इस तेल से प्रतिदिन स्नान से पूर्व मालिश करनी चाहिये, जलन छूमंतर हो जाएगी।

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