बीजिंग. अग्नि-5 के सफल परीक्षण पर बौखलाया चीन भारत पर लगातार आरोप लगा रहा है। चीन की सरकारी मीडिया ने आरोप लगाया है कि भारत नाटो के दबाव में अग्नि-5 की मारक क्षमता 9000 किलोमीटर से घटाकर 5000 किलोमीटर करने पर मजबूर हुआ।
‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘मनमोहन सिंह की सरकार ने नाटो सदस्य देशों के दबाव में अपने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल प्रोग्राम (आईजीएमपी) की रफ्तार धीमी रखी। ऐसा लगता है कि अग्नि-5 प्रोजेक्ट अपने आखिरी चरण में है जबकि हकीकत यह है कि आईजीएमपी के तहत 9000 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल विकसित किया जाना था।’
अखबार ने अग्नि-5 के लॉन्च होने से पहले ही इसकी आलोचना शुरू कर दी थी। अखबार ने कहा था कि चीन की परमाणु ताकत अधिक विश्वसनीय और मजबूत है जिसका मुकाबला करना भारत के वश में नहीं है। अखबार ने एक बार फिर कहा है कि भारत अग्नि-5 को लॉन्च करने के बाद बेवजह ही जश्न मना रहा है क्योंकि परमाणु हथियारों की रेस में चीन बहुत आगे है और इसने भारत को काफी पीछे छोड़ दिया है।
‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भारत-चीन संबंधों पर भी टिप्पणी की है। अखबार का कहना है कि भारत और चीन को एक दूसरे के दुश्मन के तौर पर पेश करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश चल रही है। अखबार का मानना है कि दोनों देशों (भारत और चीन) को दोस्ती कायम रखने की कोशिश करनी चाहिए ताकि ऐसी साजिश नाकाम हो जाए। अखबार का यह भी कहना है कि यदि चीन और भारत एक साथ मिलकर काम करें तो एशिया मजबूत बनेगा लेकिन इनके बीच फूट पड़ी तो एशिया कमजोर ही बना रहेगा।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 अप्रैल 2012
'नाटो के दबाव में भारत ने घटाई अग्नि-5 की ताकत'
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