इसका मुझे दुख है और मैं इसकी निंदा करता हूं। गहलोत शुक्रवार को यहां सिरसी रोड पर बिंदायका में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि लोग कहते हैं कि अकेले राजेंद्र राठौड़ के कहने से एडीजी रैंक के अफसर और अन्य अधिकारी फर्जी एनकाउंटर कैसे कर सकते हैं, तब तक कि और कोई बड़े लोगों का हाथ उसमें नहीं हो।
ऐसी चर्चाएं चलती रहती हैं, इसी से घबराकर कि कहीं खुद से पूछताछ न हो जाए, नेता प्रतिपक्ष ने आगे बढ़कर राजेंद्र राठौड़ के साथ होने की बात कही है। गहलोत ने कहा कि जिस भाषा में नेता प्रतिपक्ष बोल रही थीं, उससे लगता है कि सब जातियों को जेल के अंदर डालने का काम यही सरकार कर रही हो।
इससे जाहिर है कि वे सब जातियों को भड़का रही हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने शासन में यही काम करती रहीं। गुर्जरों और मीणाओं को लड़ा दिया, किसानों पर गोलियां चलवा दीं, लोग मर गए, कट गए। गहलोत ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि कोई तफ्तीश हो, उसमें कोई हस्तक्षेप होना ही नहीं चाहिए।
न्याय व्यवस्था में भी और तफ्तीश करने वाली एजेंसी सीबीआई में भी। किसी पर शक करना पाप होता है, जब तक कि आपके पास कोई सबूत न हो। गहलोत ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि निदरेष होकर लौटने वालों को लेने के लिए लोगों को जाते देखा, लेकिन जेल जाने वालों को छोड़ने जाने की परंपरा पहली बार देखी। इससे क्या संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब वोटों की राजनीति के लिए किया जा रहा है।
एक सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं पर आरोप लगे तो तत्काल कार्रवाई कर दी थी। अब इनकी पार्टी पर निर्भर है कि ये क्या कार्रवाई करते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब केंद्रीय मंत्री और सांसद जेल में बंद हैं तो इनको लगता है कि सीबीआई ठीक काम कर रही है और गुजरात या राजस्थान में एनकाउंटर के मामले में किसी को अभियुक्त बनाया जाता है तो इनको सूट नहीं करता। उन्होंने कहा कि आम जनता इनके रवैये का ही खंडन करेगी। जातिवाद को इश्यू बनाना ठीक नहीं है।
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