जुर्माने से जमा पैसा वन्यजीवों व पक्षियों के लिए चुग्गे-चारे व पानी की व्यवस्था में खर्च होता है। हाल ही में ग्रामवासियों ने आम सहमति से समाज सुधार के लिए 29 निर्णय लिए हैं। गांव में डीजे नहीं बजेगा। देर रात तक शोरशराबा नहीं होगा। शादी के प्रीतिभोज में शुद्ध घी का इस्तेमाल करना जरूरी है। गांव के स्वामी भावप्रकाश महाराज कहते हैं कि ग्रामवासियों ने अब संकल्प लिया है कि वे न कुरीतियों को बढ़ावा देंगे और न दिखावा करेंगे।
गांव में नशीले पदार्थो के सेवन पर प्रतिबंध है। चाय पर भी रोक है। शोक के मौकों पर व्यंजन नहीं बनाते। गांव की सभा में नेताओं या अन्य मेहमानों को साफा नहीं पहनाते। ईंधन के रूप में गीली लकड़ी काम में लेने पर भी 1100 रुपए जुर्माना है।
दूसरे गांवों में भी करते हैं अपने नियमों का पालन:
लांबा गांव के लोगों द्वारा लिए गए ये निर्णय क्षेत्र में एक नई मिसाल बन गए हैं। यहां के लोग जब दूसरे गांवों में जाते हैं तो वे उन सभी नियमों का पालन करते हैं, जो उन्होंने अपने गांव में लागू कर रखे हैं।
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