आज इंडोनेशिया सुमात्रा में करीब 8.70 की तीव्रता से आए विनाशकारी भूकंप ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस दौरान भारत के कई शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। विज्ञान की दृष्टि से भूकंप पृथ्वी के अंदर होने वाली हलचल का परिणाम होता है लेकिन ज्योतिष के अनुसार इस भूकंप की वजह चंद्र और राहु की युति से बना ग्रहण योग है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार 11 अप्रैल 12 को ज्येष्ठा नक्षत्र जो मूल का नक्षत्र है तथा इसका स्वामी बुध है और आज बुधवार है। चंद्रमा मंगल के स्वामित्व वाली राशि वृश्चिक में गोचर हो रहा है तथा उसके साथ राहु की युति से ग्रहण योग बनने के कारण भूंकपन की स्थिति बनी। मंगल वर्तमान में वक्री है तथा अगले दो दिन में सूर्य भी राशि बदलने वाला है। शनि भी वक्री है। दो क्रूर ग्रह वक्री होने से ऐसी स्थिति निर्मित होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। आने वाले कुछ दिनों में ऐसे योग अब मई में पुन: बन सकते हैं। 19 मई 2012 से 25 मई 2012 के बीच भी भूंकपन, तूफान, सुनामी जैसे प्राकृतिक प्रकोप हो सकते हैं। उस समय भी ज्येष्ठ माह में शनि जयंती के साथ ग्रहण तथा अमावस्या का योग प्राकृतिक प्रकोप का कारण बन सकता है।

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