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20 अप्रैल 2012

दोस्तों खुदा का शुक्र है आज मेरी हिंदी ब्लोगिंग और सोशल साईट फेसबुक के सात सो छियासी दिन पुरे हो गए

दोस्तों खुदा का शुक्र है आज मेरी हिंदी ब्लोगिंग और सोशल साईट फेसबुक के सात सो छियासी दिन पुरे हो गए है ......अल्लाह का शुक्र यह भी है के आज का दिन जुम्मे का है .........दोस्तों वेसे तो सभी दिन खुदा के बनाये हुए है लेकिन इस्लाम में जुम्मे का दिन और हिंसों में सात सो छियासी की अपनी अलग पहचान मान सम्मान है............ इस अंक का इस्लाम में अपना महत्वपूर्ण महत्व है और इसे शुभ भी मानते है ..............दोस्तों मेरी हिंदी ब्लोगिंग पत्रकारिता को छोड़ने के बाद मेने जब शुरू की तो वकालत की व्यस्तता और तकनिकी कम्प्युत्रीक्रत के ज्ञान के अभाव में में कुछ भी कर पाने में अक्षम था ...लेकिन ब्लोगिग्न के महारथी मेरे भाइयों ने मुझे होसला दिया हिम्मत दी ..और मेरे सभी भाईयों और बहनों के प्यार का ही नतीजा था के में सबसे काम समय में सबसे अधिक पोस्टें लिखने वाला ब्लोगर भी बन गया ..फेसबुक पर सबसे कम वक्त में मेने मेरे दोस्तों की अंतिम सीमा रेखा पांच हजार पूरी कर ली .....दोस्तों मेरे लियें गर्व की बात यह है के अभी तक मेरी छ हजार सात सो चोतींस पोस्टें पूरी हो चुकी है ..मेरी ब्लोगिंग का ट्रेफिक भी लगातार बढ़ता रहा ..पहले ब्लोगिंग की टिप्पणियों को लेकर में हताश जरुर हुआ लेकिन कुछ लोगों ने मुझे होसला दिया ब्लोगिग्न की मुख्यधारा में शामिल कर मुझे जिम्मेदारियां सोंपी और बस में निरंतर बिना पीछे मुड़े लिखता रहा लिखता रहा इसीलियें आज सात सो छियांसी दिनों में छ हजार सात सो से भी अधिक पोस्टें लिखने वाला में अकेला ब्लोगर बन गया हूँ ..में ब्लोगिग्न में वेदों का ज्ञान भी बांटा है तो कुरान की शिक्षा ओर गीता की जानकारियाँ भी लोगों तक पहुंचाई है ..दोस्तों मेरा ब्लोगिंग का अनुभव कहता है के कुछ एक आध अपवाद अगर छोड़ दे तो यह दुनिया प्यार की दुनिया ज्ञान का समुंदर है और मुझे इस दुनिया के लोगों ने बेशुमार प्यार अपनापन और ज्ञान दिया है में इस दुनिया के सभी महारथियों और मेरे भाईयों का शुक्रगुजार हूँ .....दोस्तों दूसरी सोशल साईट फेसबुक का भी मेरा अपना अनुभव है अपने विचार ..अपने दुःख दर्द ..प्यार बाँटने का यह एक महत्वपूर्ण साधन है अगर पांच फीसदी मानसिक रोगियों के हालात बदल दिए जाए तो फेसबुक की दुनिया एक परिचय सम्मेलन का आधुनिक रूप कहला सकता है ..दस फीसदी में इसलियें कह रहा हूँ के यह लोग कहीं ना कहीं किसी ना किसी कुंठा से घिरे हुए है कुछ तो कट्टरपंथी है ..कुछ शरारती हैं ...कुछ सामप्रदायिक है ..कुछ ठग है तो कुछ अपराधिक प्रवर्ती के लोग है जो छदम आई डी और चादं जानकारी फोटू से इस सोशल साईट में गंदगी बनत रहे है ..दोस्तों यह मुट्ठी भर जिन्हें ठीक करना मुख्यधारा में लाना और अमन सुकून में इनका गुस्सा शामिल करना हमारी अपनी ज़िम्मेदारी है ..में इस लड़ाई में हमेशा आगे रहा हूँ इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी एक्ट के प्रावधानों के तहत इस मामले में सोशल साइटों पर गंदगी फेलाने वालों को दंडित करने का प्रावधान है मेने भी इस मामले में कुछ लोगों को समझाने के बाद जब वोह नहीं समझे तो मुकदमे दर्ज कराए है जिन्हें पुलिस ढूंढ़ रही है और वोह अपने सारे कारोबार छोड़ पुलिस से छुपे छुपे फिर रहे है ...महामहिम राष्ट्रपति के यहाँ मेरी एक याचिका की सुनवाई के बाद कपिल सिब्बल को इस मामले में आवश्यक निर्देश दिए गए और उन्होंने फिर कानून का डंडा घुमाया हालांकि उनकी इस मामले में आलोचना हुई लेकिन सोचिये कोई हमारे माता पिता या परिजनों के लियें अपमानकारी फोटू बनाए और गन्दी भाषा का इस्तेमाल करे तो हमे केसा महसूस होगा इसलियें देश का कानून तोड़ने वालों को तो सजा मिले ही सही ऐसा हमे सोचना ही होगा .....दोस्तों मेरा अनुभव है के कुछ मानसिक रोगी इस सोशल साईट पर नरेंद्र मोदी ..राहुल गाँधी .सोनिया गाँधी ..बाबा रामदेव ..आना हजारे ....दिग्विजय सिंह ..पी चिदम्बरम और कपिल सिब्बल सहित कुछ लोगों के पीछे पढ़े है लेकिन हमे सोचना होगा यह निजी दुश्मनी निकालने या किसी पार्टी ,,किसी धर्म मज़हब के प्रचार का मंच नहीं है ..यह किसी के खिलाफ भी अफवाह फेला कर उसे बदनाम करने का मंच नहीं है यह तो एक ऐसी सुगंध है जिसकी महक से हम अपनी थकान दूर करते है हम अपने भाइयों से प्यार मोहबत का पाठ पढ़ते है ज्ञान देते है ज्ञान लेते है खुदा करे यह सोशल साइटें जिनमे कुछ दिमागी बीमार लोग निजी तोर पर नफरत फेलाते है गुस्सा भडकाते है ..धर्म मजहब राष्ट्रभक्त और गद्दार की परिभाषाएं सिखाते है उनका इलाज हो और वोह देश की सुक्ख शांति अमन चेन फेलाने वाले ऐसे महारथी बने के देश की तस्वीर ही बदल जाए ..... में मेरे ब्लोगिंग और फेसबुक सोशल साईट के सात सो छियाँसी दिन आज के शुभ दिन जुमे को पूरी होने पर खुदा से यही दुआ करता हूँ खुदा मेरी दुआ कुबूल करे आमीन सुम्मा आमीन ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन
    राग है, स्वरों में कोमल निशाद
    और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं,
    पंचम इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें अंत
    में पंचम का प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
    ..

    हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने
    दिया है... वेद जी को अपने संगीत
    कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.

    ..
    My web page: फिल्म

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