गोदारा ने आरोप लगाया कि पुलिस अधीक्षक रूपिंद्र सिंह ने पद पर रहते हुए सीमापार से अफीम व चरस तस्करी को बढ़ावा दिया है। रूपिंद्र सिंह के कार्यकाल में शहर में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, चैन स्नेचिंग रसोई गैस की कालाबजारी जैसे अनगिनत घटनाएं हुई लेकिन आज तक उनमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है। तस्करी में शामिल पुलिस अधिकारियों का दोष साबित हो जाने के बावजूद उनसे पैसे लेकर पुन: बहाल कर दिया है।
निलंबित पुलिस सिपाही ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस अधीक्षक रूपिंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआई से जांच की मांग की, तो ड्यूटी पर लापरवाही और अनुशासन तोड़ने का आरोप लगाकर बिना किसी नोटिस के सस्पेंड कर दिया। सीबीआई से जांच की मांग को लेकर उन्होंने श्रीगंगानगर में 9 फरवरी से 24 मार्च तक अनशन किया। लेकिन सरकार ने कोई सुध नहीं ली मजबूरन जयपुर में धरना देने का फैसला लिया है।
'मुझ पर लगाए गए आरोपों की जांच उच्चाधिकारी कर चुके हैं। जांच रिपोर्ट की प्रतिलिपि मुझे नहीं मिली है, इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता।'
रुपिंद्र सिंह, एसपी, श्रीगंगानगर।
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