सूर्य 13 अप्रैल से मेष राशि में प्रवेश कर रहा है। सूर्य मेष राशि में जाकर उच्च हो जाता है। 15 नंवबर 2011 में शनि तुला राशि में बैठकर उच्च है। दोनों ग्रह उच्च के आमने-सामने आ गए हैं, इससे शनि अति वक्री हो जाएंगे। पंडित धर्मेंद्र शास्त्री ने दावा किया है कि इस दौरान सूर्य राजा का कारक और शनि प्रजा का कारक होता है, इसलिए दोनों में आपसी टकराहट की स्थिति बनेगी। जनता में असंतोष रहेगा। सरकार को आंदोलन और हड़ताल का सामना करना पड़ेगा। देश में अस्थिरता की स्थिति निर्मित होगी।
होंगे मांगलिक कार्य शुरू: सूर्य 13 अप्रैल को शाम 7:41 मिनट पर मेष राशि में प्रवेश करेगा। इससे सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। अप्रैल में छह दिन 14, 18, 24, 25, 26 और 30 तारीख को विवाह मुहूर्त रहेंगे। मई में 3 से 28 मई तक गुरु के अस्त होने से विवाह नहीं हो सकेंगे। इसके बाद 2 से 29 जून तक 13 दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे।
ये होगा राशियों पर प्रभाव
मेष: आर्थिक लाभ, स्व जनों से विवाद, वृषभ: चिंता, क्लेश एवं बीमारी, मिथुन: कर्ज, अपमान, एवं मानसिक कष्ट, कर्क: विवाद,अचानक खर्च की अधिकता, सिंह: पद हानि, अपयश, हानि, कन्या: मन में अशांति, ह्रदय रोग, तुला: दुर्घटना मानसिक कष्ट, वृश्चिक: संतान से कष्ट, धनु: धनलाभ एवं धार्मिक यात्रा, मकर: सिर, नेत्र में विकार, रोग में वृद्धि, कुंभ: मानसिक तनाव कार्य में अवरोध, मीन: स्वास्थ्य में कमजोरी, चिंता।
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