जरदारी द्वारा मौके पर किसी प्रकार की राशि नहीं दी गई। इसे देखते हुए विभिन्न प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं। एक बड़े तबके में यह चर्चा रही कि जरदारी ने इस राशि की घोषणा दरगाह विकास के लिए की है। इधर खादिमों का यही मानना है कि राशि नजराने के तौर पर दी गई है और जरदारी के दुआगो व वकील सैयद इकबाल कप्तान चिश्ती को ही मिलेगी।
स्वयं इकबाल कप्तान चिश्ती ने भी बताया कि जो भी राशि की घोषणा की गई है उस पर उनका और अंजुमन का हक है। अंजुमन पदाधिकारी सैयद वाहिद हुसैन अंगाराशाह और सैयद मुशीर हुसैन चिश्ती भी राशि पर खादिम का ही हक बता रहे हैं। परिसर में स्थित विभिन्न हुजरों और खादिम मोहल्ला में भी इस राशि को लेकर चर्चाएं चलती रहीं।
-जिस जगह पर दिया है, वहां दीवान और दरगाह कमेटी का कोई हक ही नहीं है। जरदारी ने साफ तौर पर नजराने का ऐलान किया है, किसी प्रकार के डवलपमेंट की कोई बात नहीं हुई। नजराने पर कानूनी व शरई तौर पर खादिम व अंजुमन का ही हक है। अब यह देखा जाएगा कि नजराने की राशि किस प्रकार की आती है।
वाहिद हुसैन अंगारा शाह, सचिव, अंजुमन सैयदजादगान
-पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की घोषणा सुनी है। लेकिन यह राशि किसे मिलेगी, इसके बारे में नहीं मालूम।
प्रो. सोहेल अहमद, सदर, दरगाह कमेटी
करोड़ों में पहली बार नजराना
अब तक दरगाह में लाखों रुपए तक ही नजराना दिया जाता रहा है। लेकिन पहली बार यह राशि करोड़ों तक पहुंची है।
अस्सलामुअलेकुम खान शाहब आपका ब्लॉग और पोस्ट देख कर काफी ख़ुशी हुई .
जवाब देंहटाएंreally great blog please carry on