Ravi Singhania
क्यूं पीते हो मेरे भाई तुम शराब,
जब इस पे लिखा है मैं हूँ से ख़राब ,
क्या मिलता है तुमको इसे पीने से ,
क्यूं प्यार नहीं तुमको अपने जीने से ,
अपनी न सही, अपने कुटुंब की तो सोचो ,
अगर पीकर इसको तुम न रहे तो ,वो
क्या करेंगे,कहाँ जायेंगे , सोच के सोचो ,,
पीने से पहले सौ बार उनके बारे में सोचो,
कहते हो तुम, के मिलती है इस से राहत,
लेकिन वो राहत बन जाती है , उनकी आफत ,
हाँ, इस लत को छोड़ पाना है बड़ा मुश्किल,,
पर क्या नहीं होता, गर मजबूत करलो दिल ,
''रवि ' की ये बात मान कर तो देखो,
क्या क्या मिलता है फिर जिंदगी में देखो..
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