तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 अप्रैल 2012
राजस्थान में गांधी की तस्वीरें लगाने के विधिक नियम के बाद भी मंत्रियों और कार्यालयों से गान्धी जी की तस्वीरें गायब हो रही है
दोस्तों भारत ने महात्मा गांधी की निर्मम हत्या के बाद ...उन्हें राष्ट्रपिता घोषित किया था ...और राजस्थान सहित देश की सभी सरकारों ने महात्मा गाँधी को आदर्श मानते हुए... सभी सरकारी दफ्तरों में... उनकी तस्वीर उनकी शिक्षा को याद दिलाने के लियें ..लगाना जरूरी करते हुए एक कानून बनाया था ...दोस्तों राजस्थान के मंत्रियों को सुविधा देने वाले जो नियम बने हैं उनमे मंत्रियों और अधिकारीयों को सरकार की तरफ से सुविधाओं के नाम बंगला फर्नीचर दफ्तर देने के अलावा राष्ट्रपिता महात्मा गान्धी की दो तस्वीरें देने का भी प्रावधान रखा है .....लेकिन आज राजस्थान के मंत्रियों का दफ्तर हो ...अदालतें हों ..थाने हो ...कार्यपालिका हो ..सांसद ...विधायक के कार्यालय हों सभी जगह से गाँधी जी के फोटू गायब है ....राजस्थान में एक तरफ तो मुख्यमंत्री राजस्थान के गाँधी कहलाते हुए गांधी दर्शन का प्रचार प्रसार कर रहे है ..शिक्षा क्षेत्र में और विश्विद्ध्याल्यों में गाँधी दर्शन पढाया जा रहा है लेकिन कानून और नियमों में जो आवश्यक प्रावधान है उस पर किसी गाँधीवादी कोंग्रेसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है ...आप खुद राजस्थान के थानों ..राजस्थान के सरकारी दफ्तरों ..राजस्थान की अदालतों ..कलेक्ट्रेट ..और अधीनस्थ कार्यालयों...शिक्षण संस्थाओं ..कोचिंगो ..कोलेजों ..निजी शिक्षण संस्थाओं में जाकर ... देखे गाँधी जी.. उनकी बातें ...उनकी शिक्षा और उनकी तस्वीर... यहाँ कानून और नियम होने के बाद भी गांधी की तस्वीरें नहीं है शायद इसीलियें राजस्थान में प्रदेश कोंग्रेस ने गांधी की विचारधारा को प्रचारित करने के लियें एक प्रकोष्ठ बनाया है जिसकी सरपरस्ती खुद मुख्यमंत्री के पास है ...माननीय मुख्यमंत्री और गांधीवादी प्रचारकों से निवेदन है के वोह मंत्रियों और अधिकारियों के कार्यालयों और निवास के कार्यालयों में थानों और दुसरे दफ्तरों न्यायालयों में गांधी जी की तस्वीरें आवश्यक रूप से लगाने के नियम की पालना करवाएं और ऐसा नहीं करने वालों को मंत्री पद और दफ्तरों से हटायें वरना महात्मा गाँधी की याद सिर्फ याद बन कर ही रह जायेगी ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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abhi kuchh dino pahle kisee bhai ne RTI ke dwara yah poochha tha ki gandhiji ko rastrapita kab aur kisne ghosit kiya tha ? hamari sarkar ke pas iska uttar nahin tha. aap kis adhar par gandhiji ko rastrapita kah rahe hain ?
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