आपका-अख्तर खान

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02 अप्रैल 2012

सुरे वाकया पढ़ कर खुद अपने घर और पडोस में फूंकों इंशा अल्लाह आने वाली मुसीबत और खतरा टल जाएगा ..खुशहाली और अमनो अमन का दोर शुरू होगा


दोस्तों आप मानो या ना मानो सुरे वाकिया जिसमे कयामत प्रलय और आखेरत का बयान है ..यह आयत सत्ताइसवें पारे में है और यह छप्पन नम्बर की आयत है सुरे वाकिया के बारे में टोंक राजस्थान सहित कई स्थानों के बुजुर्गों का कहना है के इन दिनों विपत्ति का दोर है और सभी लोग खासकर इस्लाम से जुड़े लोग कठिन दोर से गुज़र रहे है और इस मुसीबत को टालने के लियें घर घर अगर सुरे वाकया का बयान होगा तो इंशा अल्लाह कोई भी मुसीबत होगी टल जायेगी अगर हो सके और दिल गवारा करे और आप देश के ही नहीं विश्व के सभी मुसलमानों और सभी इंसानों दुनिया के लोगों और भारत के लोगों पर आने वाली विपत्ति और कठिनाई के दोर को अच्छे दोर में बदलना चाहते हो ..कुदरत के कहर से खुद भी बचना चाहते हो और अपने भाइयों को भी बचना चाहते हो तो प्लीज़ गुजारिश है बिना किसी तर्क बिना किसी कुतर्क के सुरे वाकिया एक बार पाक साफ होकर पढ़े और घर व् पडोस में फूंके इंशा अल्लाह यकीन है के जो भी मुसीबत खतरा आने वाला है टल जाएगा और फिर से खुशहाली अमनो अमान का दोर शुरू हो जाएगा ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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