बीजिंग. भारत ने परमाणु क्षमता वाली मिसाइल अग्नि-5 का पहली बार सफल परीक्षण किया। अग्नि-5 की मारक क्षमता 5000 किलोमीटर बताई जा रही है, लेकिन चीन के जानकारों का मानना है कि यह मिसाइल 8,000 किलोमीटर दूरी तक के टारगेट को निशाना बनाने की ताकत है।
चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने पीएलए एकेडमी ऑफ मिलिट्री साइंसेज में रिसर्च कर रहे डू वेनलॉन्ग के हवाले से कहा है कि दरअसल अग्नि-5 की 8,000 किलोमीटर दूरी तक के लक्ष्य को भेदने की क्षमता है। वेनलॉन्ग ने यह भी कहा कि अग्नि-5 को लेकर अन्य देशों में चिंता न बढ़े, इसलिए भारत सरकार ने जानबूझकर इस मिसाइल की मारक क्षमता कम बताई है।
अग्नि मिसाइल 20 मिनट में 5000 किमी तक पहुंचेगी। इस तरह चीन ही नहीं पूरा एशिया, अफ्रीका, यूरोप तक इस मिसाइल के दायरे में होंगे। मिसाइल डेढ़ हजार किलो एटमी हथियार लेकर डेढ़ मीटर के टारगेट यानी एक कार तक पर सटीक निशाना लगा सकेगी। मिसाइल ने हिंद महासागर में 5000 किमी दूर रखे लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया। इस परीक्षण के साथ भारत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) बनाने वाला दुनिया का पांचवां देश हो गया है। अमेरिका, चीन, फ्रांस और रूस के पास पहले से ही आईसीबीएम है।
लेकिन चीन के जानकार भारत के इस दावे पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर झांग झाओजोंग के हवाले से कहा कि चीन के मानक के मुताबिक एक आईसीबीएम की मारक क्षमता कम से कम 8,000 किलोमीटर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अग्नि-5 को आईसीबीएम बनाने के लिए उसकी मारक क्षमता और बढ़ाई जा सकती है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 अप्रैल 2012
भारत ने क्यों छिपाई अग्नि-5 की यह बड़ी हकीकत?
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