जीवन में हमेशा बुरा वक्त ही दु:ख, असंतोष या पीड़ा का कारण नहीं होता। बल्कि सच यह है कि इंसान की सोच ही उसके सुख-दु:ख को काफी हद तक नियत करते हैं। दरअसल, सही सोच सही दिशा और सही नतीजे तक पहुंचाने में मददगार होती है। वहीं गलत नजरिया भटकाव, अपयश, कलह व असफलता का मुंह दिखाता है। ऐसी कर्महीनता या दरिद्रता के बुरे नतीजों की ओर इशारा करता एक जुमला कहा भी जाता है कि 'खाली दिमाग शैतान का घर'
ऐसे मानसिक दोषों से बचने और अच्छे विचार, व्यवहार और कर्म की राह जानने के लिए धर्मग्रंथों की बातें श्रेष्ठ उपाय है। क्योंकि इनमें जीवन से जुड़े वही सूत्र हैं, जिनसे अनजान होने पर इंसान ठोकरें खाता है। हिन्दू धर्मग्रंथ महाभारत की विदुर नीति में भी यशस्वी व सफल जीवन के लिये सही सोच और आदतों की अहमियत बताते हुए कुछ खास सूत्र बताए गए हैं।
ऐसे ही एक सूत्र में सुखी जीवन के लिये दो गलत सोच या आदतों को छोडऩे के संकेत दिए गए हैं। जिससे जीवन में हमेशा सुखी भी रहा जा सकता है। जानिए, क्या हैं ये सूत्र -
लिखा गया है कि -
द्वावम्भसि निवेष्टव्यौ गले बध्वा दृढां शिलाम्।
धनवन्तमदातारं दरिद्रं चातस्विनम्।।
इस श्लोक के संकेत को सरल शब्दों में समझें तो नीचे बताई दो आदतें या विचार जीवन में दु:ख का सबब बन जाती हैं। यहां तक कि ऐसे दोषी मुनष्य को पत्थर बांधकर पानी में डूबो देने की बात कही गई है। जिसमें गूढ़ता यही है कि गलत सोच का इंसान निजी और दूसरों के जीवन में कलह घोलता है। ये 2 गलत सोच हैं -
धनवान होने पर भी दान न देना - धर्म पालन का अहम अंग दान माना गया है। दान स्वार्थ, अहं जैसे दोष दूर कर परोपकार, दया व प्रेम के भाव पैदा करता है। किंतु सक्षम होने पर भी ऐसा न करना विचार से लेकर व्यवहार तक दोषों को जन्म देते हैं, जो उपेक्षा, अपयश का कारण भी बनते हैं।
दरिद्रता में दु:ख न सह सके - अगर कर्महीनता या वक्त की मार से दरिद्रता या अभाव देखना पड़े तो उसे पूरी सहनशीलता और सकारात्मक सोच से स्वीकार करना चाहिए। किंतु ऐसा न करने वाले मनुष्य के जीवन में व्यर्थ अंसतोष, बेचैनी व मुश्किलें पैदा होती है। इसलिए कर्मप्रधान जीवन ही श्रेष्ठ बताया गया है।
सार यही है कि उदारता, धैर्य व सहनशीलता में यश व सफलता के नायाब सूत्र छुपे हैं। किंतु संपन्नता या अभाव के चलते इन बातों को दरकिनार करना मुसीबतों को बुलावा है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 अप्रैल 2012
ये 2 कमियां कर लें दूर!..तो न दिमाग होगा खाली, न बनेगा शैतान का घर
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