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09 मार्च 2012

दोस्तों कोटा में इन दिनों मुस्लिम कल्याण कार्यों को लेकर कुछ लोगों द्वारा एतराज़ जता कर काम रुकवा दिया गया है और इन हालातों में सच क्या है क्या काम रु

दोस्तों कोटा में इन दिनों मुस्लिम कल्याण कार्यों को लेकर कुछ लोगों द्वारा एतराज़ जता कर काम रुकवा दिया गया है और इन हालातों में सच क्या है क्या काम रुकवाना सही है या गलत इसका फेसला आपको करना है.. क्योंकि किसी भी कोम का कोई एक या गिनती के लोग ठेकेदार नहीं होते और कोम के फायदों को निजी लड़ाई ..नफरत या सियासत की भेंट नहीं चडाया जा सकता ,,दोस्तों कोटा में स्टेशन क्षेत्र में एक कब्रिस्तान जहां सरकार सुविधाएँ उपलब्ध कराने जा रही है और पासमें ही आवश्यकता को देखते हुए लाखों रूपये बीघा के मूल्य के साधे छ बीघा जमीन नये कब्रिस्तान के लियें आवंटित करने जा रही है ......नयापुरा क्षेत्र के कब्रिस्तान जहाँ हालात बुरे है वहां अब पैदल चलने के स्थान के साथ साथ निर्माण कार्य पर सहमती बन गयी है ,,,हजीरा सब्जीमंडी ..किशोरपुरा ..अनंतपुर ..छावनी ..बोरखेडा ..घंटाघर सहित सभी कब्रिस्तानों में मिटटी और बाउंड्री के कार्य चलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है ......जन्ग्लिशाह बाबा के यहाँ मुस्लिम मेरिज होल के लियें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित बढा शादी घर बनाया जा रहा है .....रंगबाड़ी मेडिकल कोलेज के पचास बीघा के कब्रिस्तान को वक्फ के रिकोर्ड में दर्ज कर वक्फ की सुपुर्दगी में देने पर सहमती बनी है ...महावीर नगर बालाकुंड के कब्रिस्तान की पूरी भूमि पर सभी पुराने हद बंदी के विवाद खत्म कर दस दस फुट की चारदीवारी करने और वहन सुविधाएँ उपलब्ध कराने के कार्य शुरू होने वाले हैं ..कोटा में आधारशिला क्षेत्र जहाँ एक गंदी तलाई है वहां शहर भर की गंदगी पढ़ी रहती है जिसे साफ़ कर किशोरपुरा लेजाना और इस तलाई में जो बारिश का पानी भरा जाता है उसे एक पाइप के जरिये नदी में डाल कर उक्त स्थल का समतलीकरण करा कर चारदीवारी कराकर शादी घर के रूप ..... में आम मुसलमानों के उपयोग के लियें सहमती बनी है ......कोटा में लडकों का हॉस्टल सही नहीं है इसलियें करीब पांच हजार वर्ग फिट का प्लाट लडकों के छात्रावास के लियें आवंटित करने के लियें सरकार ने स्वीक्रति दे दी है .....लडकियों का छात्रावास खुद सरकार अपने खर्चे से बनाने के लियें सहमत हो गयी है .....जिसे बस्ती में कोई जगह या तो नगर विकास न्यास या फिर वक्फ द्वारा दी जायेगी ......द्वारका बस्ती के लोगों को वेम्बे योजना में शिफ्ट किया है जहाँ मदरसे के लिएँ जगह नहीं है इसलियें वहन सो बाई सो का प्लाट आवंटित किये जाने पर सहमती बनी है ..जे के नगर वेम्बे योजना में मदरसे के लियें जमीन आवंटन की बात हुई है ...बरकत उद्ध्यान जो झालावाड रोड पर है वहां एक एलिवेटेड रोड बनाया जा रहा है जो पार्क और मस्जिद के काम आ रहा है वर्ष १९७६ में इस का सोंद्र्य्करण एक समझोते के तहत सरकार ने करवाया था इस स्थान का एक बेकार सा कोना जहाँ गत दो वर्षों पूर्व सरकार ने केबलें भी डाल दी थीं वहां कोने पर दो फिट सड़क की सरकारी जमीन और दो फिट इस उद्ध्यान की जमीन लेकर पिलर एलिवेटेड रोड ज्नुप्योगी सेवा के लियें बनाया गया है ..वहां बरकत उद्द्यान वक्फ संपत्ति पर सरकार बेहिसाब सोंद्र्य्करण कार्य करवा कर इस सम्पत्ति को और उपयोगी बनाने पर सहमत है इसके आलावा अभी कई काम है जो होने जा रहे है ..यह सब सरकार की योजनायें हवा में नहीं बनी है बलके लिखित में सरकार ने इकरार किया है अब जब यह काम चल रहे है तो फिर अचानक कुछ लोग लोगों को गुमराह कर इन कार्यों को रुकवाना चाहते है रुकवाना किया चाहते है जिद करके कुछ लोगों ने इस कार्य को रुकवा भी दिया है बहाना है बरकत उद्ध्यान के दो फिट पिलर का ..दोस्तों इस मामले में कुछ तो वोह लोग है जो भाजपा के निति निर्धारक मुस्लिम समाज के ठेकेदार बनकर राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच बनाने वाले इन्द्रेश कुमार जी के स्वागत सत्कार में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है उनके साथ बैठकें आयोजित करते है .........और कुछ नोजवान है जिन पर हमे नाज़ है जो हमारी ताकत है जो मोके पर हर वक्त कोम की खिदमत के लियें खड़े मिलते है लेकिन वोह इन सब कल्याणकारी योजनाओं को समझे बगेर कथित रूप से विरोध का बिगुल बजा रहे है ..गलत काम का विरोध करना अच्छी बात है लेकिन जहाँ पूरे समाज का बहुत बढ़ा फायदा है वहां अगर हमे दो कदम पीछे भी हटना पढ़े निजी लड़ाई या सियासत को एक तरफ भी रखना पढ़े तो क्या बुरी बात है ..दोस्तों अभी यह सब काम हमारे भाइयों के विरोध के कारण रोक दिए गए है और जब तक उनकी रजामंदी नहीं होगी चालू भी नहीं किये जाना चाहिए लेकिन यह लोग भी जरा अपने जमीर पर हाथ रख कर देखे के उनकी एकता उनकी ताक़त का कुछ लोग कहीं किसी के इशारे पर दुरूपयोग तो नहीं कर रहे है .........फिर समाज का फेसला है ..फेसला तो समाज को ही लेना है अगर यह सब काम गलत है तो क्या इन्हें रोक देना चाहिए या इन कामों को जो रुकवाना चाहते है उन्हें भाईचारा और सद्भावना के साथ समझाइश कर सत्यता से अवगत करना चाहिए कुछ समझ में नहीं आता इस कोम के लियें क्या करा जाए ..मुझे याद है में पत्रकारिता के वक्त जब एक नेता से सवाल पूंछ रहा था के आप मुस्लिम कल्याणकारी योजनाओं का विरोध क्यूँ करते है तब मुझ से कहा गया था के जनाब वोह दिन गए जब हमारे समाज और विचारधारा के लोग मुस्लिम कल्याणकारी कार्यों का विरोध करते थे अब तो हमने ऐसी टीम बना दी है जो खुद तुम्हारे समाज के लोगों को गुमराह कर यह विरोध करेगी उनके होते हुए हमारे समाज के लोगों को आगे आने की जरूरत नहीं है .......खेर खुदा से यही दुआ है यह बिखरा समाज फिर से एक हो अगर कहीं गलत हो रहा है तो उसपर खुलेमन से टेबल टोक हो वार्ता हो भीड़ और शोर शराबे के बदले तसल्ली से बात हो और जो गलत है उसमे सुधार हो चाहे वोह गलती किसी से भी हो रही हो .......

1 टिप्पणी:

  1. जब तक आदमी के समाज के लिए काम नहीं होगा, ऐसा ही होता रहेगा. ये समाज, वो समाज, फलाना समाज.कितना बंटेगा समाज.

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