पवनमुक्ता आसन की विधि-
किसी भी समतल स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब दाएं पैर के घुटने को पेट पर रखें। उसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियां एक दूसरे में डालकर सांस बाहर निकलते हुए घुटने को दबाकर छाती से लगाएं। अब सिर को उठाते हुए घुटने से स्पर्श करें। कुछ क्षण तक सांस को बाहर रोकते हुए इस स्थिति में रहें। फिर पैर को सीधा कर दें।
सावधानियां - पीठ दर्द, गर्दन दर्द और कमर दर्द के रोगी इस आसन का अभ्यास न करें।
आसन के लाभ- मानसिक तनाव के कारण व्यक्ति को पेट संबंधी समस्याएं होती हैं, जो इस आसन से दूर हो सकती हैं। यह आसन तनावजनित रोगों में विशेष लाभदायक है। कब्ज रोग के निवारण में यह आसन विशेष प्रभावी है। आतों में जमा पुराना मल भी इस आसन के करने से निष्कासित हो जाता है। इस आसन के अभ्यास से पेट की वायु तुरंत बाहर निकल जाती है। इसे करने से पेट की आतों की अच्छी तरह मालिश हो जाती है। हाजमा ठीक रहता है। एसीडिटी, खट्टी डकारें आदि पेट संबंधी समस्त रोग दूर होते हैं। इसे करने से भूख खुलकर लगती है। दिन भर ताजगी और स्फूर्ति बनी रहती है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 मार्च 2012
बिना चूर्ण करें कब्ज का इलाज इस आसान तरीके से
अनियमित दिनचर्या के कारण आजकल अधिकांश लोगों को अपच, कब्ज, एसीडिटी जैसी पेट की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए पवन मुक्तासन करें। कुछ ही दिनों में लाभ मिलने लगेगा।
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