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19 मार्च 2012

तीन दिन पहले जिस बेटी को किया था दफन, वो हो गई जिंदा



रांची.टाटीसिलवे बड़ाम चिपाटोली निवासी आनंद मसीह तिग्गा ने दूसरे की बेटी को अपनी बेटी समझकर दफना दिया। खुद की बेटी को जब नामकुम पुलिस ने तैमारा नायक टोली से ढूंढ निकाला तो मामले का खुलासा हुआ। अब पुलिस नए सिरे से पूरे मामले की जांच करेगी।

मालूम हो कि 13 मार्च को नामकुम थाना क्षेत्र के भुसूर गांव स्थित रिंग रोड के पास पुलिस ने एक युवक-युवती का शव बरामद किया था। दोनों की हत्या गला रेतकर की गई थी। युवती के शव की पहचान आनंद मसीह तिग्गा ने 14 मार्च को यह कह की थी कि वह उनकी बेटी एरेन तिग्गा है। शव की पहचान होने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया था, जिसे 15 मार्च को दफना दिया गया।

मोबाइल ट्रैस हुआ तो सामने आई सच्चाई

युवती की पहचान होने पर पुलिस ने आनंद से उसकी बेटी का मोबाइल नंबर जांच के लिए लिया था, ताकि नंबर के जरिए हत्यारों तक पहुंचा जाए। पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में 15 मार्च तक नंबर बंद पाया। लेकिन बाद में मोबाइल का लोकेशन तैमारा स्थित नायक टोली में मिला। जहां पूछताछ में पता चला कि एरेन तिग्गा अपने प्रेमी राजू मछुवा के साथ रह रही है। पूछताछ में उसने बताया कि वह आनंद मसीह तिग्गा की बेटी है। वह 26 फरवरी से अपने प्रेमी के साथ रह रही है।

मेरी बेटी जैसी दिख रही थी

बेटी की बरामदगी की सूचना पाकर आनंद मसीह तिग्गा पत्नी सुमानी तिग्गा के साथ थाना पहुंचे। जहां अपनी बेटी को देख वे अचंभित हो गए। उन्होंने बताया कि जिस शव को उन्होंने दफनाया है। उसकी शक्ल भी एरेन से मिलती-जुलती थी। ग्रामीण एसपी असीम विक्रांत मिंज ने कहा कि पुलिस को पहले लगा कि युवती की पहचान होने से हत्या की गुत्थी सुलझ जाएगी। लेकिन मामला में नया मोड़ आ गया है। हमें फिर शून्य से अनुसंधान करना होगा।

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