आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

21 मार्च 2012

यहां नए साल के स्वागत में खाई जाती है चटनी


| Email Print Comment

आंध्र प्रदेश में हिंदू नव वर्ष का पर्व उगादि के नाम से मनाया जाता है। उगादि का शुद्ध रूप है युगादि, जिसका अर्थ है युग का प्रारंभ। आंध्रा में इस दिन घरों को आम के पेड़ की पत्तियों के बंदनवार से सजाया जाता है। सुखद जीवन की अभिलाषा के साथ-साथ यह बंदनवार समृद्धि, व अच्छी फसल के भी प्रतीक हैं।

उगादि पर्व पर आंध्रा में घर-घर खुशियां मनाई जाती है। सुबह बच्चों को तेल स्नान कराया जाता है। इसके बाद सभी लोग नहाकर नए कपड़े पहनते हैं। तब सभी लोग नव वर्ष की पचादि चटनी का स्वाद लेने के लिए एकत्रित होते हैं। यह चटनी उगादि का विशेष उपहार मानी जाती है। इसमें नीम की नरम कोपलें, गन्ना, गुड़, कच्चे आम की फांके तथा नमक डाला जाता है। चटनी में नीम की कोपलें मिलाने का अर्थ है जीवन मीठा ही नहीं, उसमें थोड़ी कटुता (कड़वापन) भी है।

बिना कटुता का स्वाद चखे आप जीवन के बारे में नहीं जान सकते। आंध्रा में इस दिन लोग किसी स्थान पर एकत्रित होते हैं और नए साल का पंचांग सुनते हैं। उगादि पर वर्ष का नाम भी रखा जाता है। इस प्रकार साठ वर्ष का एक चक्र माना जाता है, जिसमें हर वर्ष का एक नाम होता है जैसे- शुभकृत, क्रोधी, पराभव, विरोधकृत, प्लव आदि।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...