न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को इस बैक्टीरिया के नदी में होने का पता चला तो उन्होंने अमेरिकन केमिकल सोसायटी से भी मदद ली। न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ग्रांट बर्गस कहते हैं कि बायोफिल्म के जरिए माइक्रोबायल मिक्स में ये बैक्टीरिया परिवर्तन कर देते हैं।
जब नदी में माइक्रोबायल फ्यूल सेल बढ़ जाते हैं तो पानी का इलेक्ट्रिकल आउटपुट में 105 वाट मीटर प्रति क्यूबिक मीटर से बढ़कर 200 वाट प्रति क्यूबिक मीटर तक हो जाता है। इन बैक्टीरिया की एक खासियत यह भी है कि ये सीवेज पानी को भी काफी तेजी से साफ करते हैं।
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