डीएलएफ कालोनी रोहतक वासी राकेश भारद्वाज का बातचीत करने का तरीका आईएएस अधिकारी की तरह ही है। वह कभी अपने आपको किसी अंग्रेजी अखबार का एडिटर बताता तो कभी आईएएस आफिसर बन बातचीत करता। सोमवार शाम बस स्टैंड पर हिसार की प्राइवेट बस में सवार राकेश भारद्वाज को पीड़ित जयभगवान ने देख लिया।
उसने इसे पकड़ा और सिविल लाइन थाने लाया। यहां एक महिला ने भी इसके खिलाफ 15 हजार रु.ठगने की शिकायत की। पहला शिकार: उसने पहला शिकार दिल्ली-भिवानी प्राइवेट बस केकंडक्टर जयभगवान को बनाया। वह डेली अप-डाउन करता था। उसने बताया कि वह आईएएस आफिसर है।
27 फरवरी 2011 को इसने जयभगवान से डेढ़ लाख रु. उधार मांगे। बताया कि मेरी मां की तबीयत खराब है। दो-तीन दिन में वापस लौटा दूंगा। जयभगवान ने बताया कि उसने पैसे दे दिए। कुछ दिन बाद राकेश ने 15 हजार रुपये लौटाए। इसके बाद स वह गायब हो गया था।
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