उन्होंने कहा कि जीवन की धारा के लिए लक्ष्य ही आदर्श की धारा है। यही आदर्श हमारे पूर्वजों ने हमें दे रखा है, जिसमें मजबूती हो। ऐसी शिक्षण संस्थाएं और बढ़नी चाहिए। इंसान में 25% संस्कार ईश्वर की देन होते हैं, 25% अध्यापक देता है, 25% माता-पिता और 25% दोस्तों द्वारा दिए होते हैं। जिनके पास विद्या है, उनका हर जगह सम्मान होता है।
इससे पहले समारोह की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। इस मौके पर भामाशाह राकेश खंडेलवाल, निरंजन लाल गुप्ता, रामावतार, रघुनाथ, राम निवास शर्मा, हनुमान प्रसाद, शंकरलाल खूंटेटा, श्याम लाल जींदगर और कबड्डी में अंतर्राष्ट्रीय स्वर्णपदक विजेता शालिनी पाठक को सम्मानित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि एआरजी ग्रुप के चेयरमैन आत्माराम गुप्ता, विशिष्ट अतिथि यतींद्र कुमार शर्मा, भारतीय शिक्षा समिति अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद खंडेलवाल व डॉ. बनवारी लाल नाटिया ने श्रीश्री का सम्मान किया।
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