आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस व प्रशासन को दी। बच्ची शौचालय में एक कोने में पड़ी रो रही थी और वह प्लास्टिक के बैग में लिपटी हुई थी। सुबह करीब सात बजे पुराना हमीदा निवासी रीना कालोनी में बने शौचालय में गई। यहां पर उसे बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी।
आसपास देखा तो एक कोने में बच्ची रो रही थी। उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया। उधर, सिटी एसएचओ सुनील कुमार का कहना है कि अज्ञात महिला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
हर कोई सन रह गया
शौचालय में नवजात बच्ची मिलने से हर कोई सन था। इसकी जानकारी मिलते ही देखते ही देखते यहां लोग एकत्रित हो गए। सबकी जुबान पर एक ही बात थी कि आखिर एेसी क्या मजबूरी होगी, जिसने बच्ची को यूं इस हालात में छोड़ दिया।
स्टाफ नर्स कर रहीं देखभाल
भले ही बच्ची को मां-बाप का प्यार न मिले, मगर सिविल अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में महिला पुलिस व स्टाफ नर्स देखरेख कर रही है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. विजय दहिया व डा. अनिल त्यागी के मुताबिक बच्ची पूरी तरह से स्वास्थ्य है। डाक्टर ने कहा बच्ची एक दिन की है।
अब गौर करें आंकड़ों पर
जिले में एक हजार लड़कों के पीछे 827 लड़की है। वहीं स्टेट में 871 लड़कियां हैं। सामाजिक कार्यकर्ता बबीता का कहना है कि आंकड़े हर किसी की चिंता बढ़ रहे हैं। यह तभी संभव है, जब लड़कियां सुरक्षित हों। इसके लिए हर व्यक्ति को प्रयास करना होगा।
ये पहला मामला नहीं
हमीदा से नवजात बच्ची का मिलना पहली घटना नहीं है। इससे पहले जगधारी वर्कशाप के मैदान के निकट से एक बच्ची मिली थी। भाटिया नगर के डस्टबिन से, एनएच 73 पर गंगा पेट्रोल पंप के निकट से, चांदपुर बाइपास पर ऑटो से बच्ची मिल चुकी है। इसी तरह से 2010 के शुरू में पश्चिमी यमुना नहर से एक मादा भ्रूण मिला था।
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