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18 फ़रवरी 2012

राजनीतिक तूल पकड़ने लगे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष केबयान

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जो लोग चुनाव जीत कर आते हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि वे तमाम कार्यकर्ताओं की शिकायतों को दूर करें। कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ की हड्डी होते हैं। गहलोत ने कहा कि सरकार बनती ही संगठन से है, सरकार से संगठन नहीं। इसी कारण संगठन का महत्व एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी होता है। वे शनिवार को यहां बजट से पहले किसानों और किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पदाधिकारियों को चाहिए कि वे कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर सरकार तक पहुंचाएं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पार्टी की स्थिति के संबंध में दिए बयान संबंधी सवाल पर गहलोत ने कहा कि कुछ तो जुमले हो जाते हैं और कुछ जुमले गढ़ते हैं।

कुछ लोग इन्नोसेंटली बोल जाते है। कुछ लोग देखा देखी बोल जाते हैं। इसके बाद भी आम कार्यकर्ता जनता की भावना को समझते हैं, उसे भी देखते हैं। गहलोत ने कहा कि जनता की भावना को मैं भी समझता हूं। गहलोत ने कहा कि शुक्रवार को हुई सत्ता और संगठन की बैठक कामयाब रही। इसमें सभी ने सरकार की योजनाओं की तारीफ की और इसका प्रचार प्रसार ठीक से करने पर जोर दिया।

शीतलहर और पाला

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाल और सूखे में केंद्रीय सहायता का फैसला गृह मंत्रालय करता है। इसमें बनी कमेटी से राजस्थान में शीतलहर और पाले की स्थिति को भी आपदा के रूप में शामिल करें, ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र में बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की सिफारिश पर इसे शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गांवों से पाला और शीतलहर से नुकसान का फीडबैक ले रहे हैं। इसका सर्वे भी करवाएंगे। उन्होंने कहा कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहल से नरेगा शुरू हो गया है, इसके चलते अकाल और सूखे में भी कोई हाहाकार नहीं मचता है। गहलोत ने किसानों के साथ बैठक में उठे मुद्दों पर भी प्रकाश डाला।

पार्टी कमजोर तो जिम्मेदारी प्रदेश नेतृत्व की है : रघु

जयपुर त्न कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान के पार्टी को कमजोर बताने वाले बयान को लेकर राजनीति गरमा गई है। सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि अगर पार्टी कहीं कमजोर है तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश नेतृत्व की है।

दूसरी ओर, पार्टी के महामंत्री सुरेश चौधरी ने प्रदेशाध्यक्ष का बचाव करते हुए कहा है कि चंद्रभान ने गलत कुछ नहीं कहा है, बल्कि उसका अर्थ गलत लगाया जा रहा है। उनके कहने का मकसद यह है कि कार्यकर्ता अभी से जुट जाएं ताकि अगली बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आएं।

डॉ. शर्मा ने कहा कि वे चंद्रभान के बयान से इत्तफाक नहीं रखते। पार्टी कहीं कमजोर नहीं है। अगर कहीं कमजोर है तो इसकी जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की है। चंद्रभान ने जो कहा है, उसके पीछे शायद गलत मंतव्य नहीं है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेताने के लिए ही बात कही होगी, लेकिन इसका गलत अर्थ लगाया जा रहा है।

मीडिया में ऐसी बात आने के बाद लोगों में संदेश जाता है कि प्रदेशाध्यक्ष खुद ही अपनी पार्टी को कमजोर बता रहे हैं। शर्मा ने कहा कि हमें ऐसी बात बोलनी ही नहीं चाहिए, जिससे गलत संदेश जाए।

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