बाराती भी साइकिल पर आए और साइकिल पर ही दुल्हन जीटा (26) को लेकर गए। अब यह जोड़ा साइकिल पर हनीमून मनाने के लिए निकला है। इसके लिए दोनों ने अपनी नौकरी भी छोड़ दी। दुनिया के 13 से भी ज्यादा देशों में घूमने के बाद रविवार रात यह दंपती साइकिल पर ही पंचकूला पहुंचा है।
4 जून को हुई थी शादी: अरपी बताते हैं, ‘हमारी शादी 4 जून 2011 को हंगरी में हुई। 11 जून को हमने हनीमून के लिए साइकिल पर अलग-अलग देशों पर जाने का मन बनाया।’ हंगरी से शुरुआत करते हुए यह जोड़ा रोमानिया, सर्बिया, बुल्गारिया, टर्की, जॉर्जिया, अरमानिया, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, चीन सहित अन्य देशों से होते हुए भारत पहुंचा है। यहां ये दोनों चार महीने तक रुकेंगे।
7700 किलोमीटर सफर किया तय: यह जोड़ा आठ महीने के अपने सफर में अब तक 7700 किलोमीटर की दूरी तय कर चुका है। पाकिस्तान से भारत आते हुए वे सबसे पहले गोल्डन टैंपल में माथा टेकने गए। इसके बाद होशियारपुर और वहां से पंचकूला आए। पंचकूला में ये सेक्टर 20 में रहने वाले सतीश बंसल के घर रुके हैं।
भारत लगा सबसे अच्छा: अरपी और जीटा का कहना है कि भारत में उन्हें सबसे अच्छा लग रहा है। यहां बच्चे अपने मां-बाप के साथ लंबे समय तक रहते हैं। यूरोप में बच्चे 20 साल के बाद मां-बाप का साथ छोड़ देते हैं। काश यूरोप में भी बच्चों और माता-पिता के बीच भारतीयों जैसे संबंध होते। पाकिस्तान में भी उन्हें बहुत प्यार मिला।
साइकिल है खास
अरपी और जीटा बताते हैं, ‘हमने हनीमून के लिए खास तरह की साइकिल को चुना। जर्मनी में बनी यह साइकिल हैंडमेड है। इसे लेटकर भी चलाया जा सकता है। इसकी मरम्मत के लिए पार्ट्स और औजार भी साथ रखे हुए हैं। साइकिल में रिचार्जेबल बैट्री से जलने वाली लाइटें लगी हुई हैं। बरसात से बचने के लिए बरसाती भी है।
अगर मौसम ज्यादा खराब हो तो टैंट का बंदोबस्त भी है। हमारे पास फोल्डिंग टैंट है। 13 किलो की इस साइकिल पर इन्होंने 60 किलो वजन लादा हुआ है। इसमें साइकिल के पार्ट्स, लैपटॉप, कैमरा, इंटरनेट, मोबाइल व कपड़ों सहित अन्य सामान शामिल है।
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