वह सरेआम बिजली की तारें तथा बल्ब उतार रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस तथा मार्केट वालों ने उसे नीचे उतारने की बहुत कोशिश की। पर उसने किसी की बात नहीं सुनी। करीब एक घंटा चले ड्रामे का पटाक्षेप तब हुआ, जब मार्केट का ही एक व्यक्ति भी खंभे पर चढ़ने लगा। उसे देख नशेड़ी नीचे उतर आया। मार्केट वालों ने उसकी खूब धुनाई की।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 फ़रवरी 2012
नशे के लिए साला कुछ भी करेगा...देखिए नशेड़ी का जुगाड़
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)