नई दिल्ली। मध्य प्रदेश एक बार फिर चर्चा में आ गया है, लेकिन बुरी खबर की वजह से है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) ने अपने ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि देश में शिशु मृत्यु दर के सबसे ज्यादा मामले मप्र से सामने आए हैं। राज्य में जन्म लेने वाले प्रति एक हजार मासूमों में से 62 तुरंत बाद दम तोड़ देते हैं।
जबकि, पूरे देश में शिशु मृत्यु दर की औसतन 47 तक आ चुकी है। इससे भी ज्यादा दुखद यह है कि प्रदेश में मरने वाले इन मासूमों में लड़कियों की संख्या लड़कों से कहीं ज्यादा है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार राज्य में पिछले एक साल के दौरान शिशु मृत्यु दर में पांच अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।
इसके उलट अभी भी बच्चों के पैदा होने के लिए सबसे उत्तम राज्य गोवा साबित हो रहा है। यहां पर प्रति हजार नवजातों में से मात्र 10 की ही मौत होती है। इसके बाद केरल का नंबर आता है जहां सिर्फ 13 नवजातों की मौत होती है।
गांव में हालत खराब
दिसंबर, 2011 तक मिले आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में शहरों के मुकाबले अभी भी ग्रामीण इलाकों में शिशु मृत्यु दर कहीं ज्यादा है। शहरों में प्रति हजार नवजातों में से 42 की मौत हो रही है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी लगभग 67 नवजात दम तोड़ रहे हैं।
नवजात शिशु मृत्यु दर इसलिए ज्यादा : -
लो बर्थ रेट - 2.5 किलोग्राम से कम उम्र के बच्चों का जन्म होना। - जन्म के समय सांस लेने में तकलीफ होने के कारण (एसफिक्सिया)। - संक्रमण (न्यूमोनिया, पीलिया)। - हायपोथर्मिया (जन्म के समय नवजात को उचित तापमान न मिलना)।
जन्म के 28 दिन बाद तक
संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवा डॉ. बीएस ओहरी ने बताया कि जन्म के 28 दिन तक बच्चा नवजात रहता है, जबकि 1 साल तक की उम्र तक उस बच्चे को शिशु माना जाता है। उन्होंने बताया कि राज्य में एक हजार जन्मे बच्चों में से 44 की मृत्यु 28 दिन के भीतर हो जाती है, जबकि 62 बच्चे अपना पहला जन्म दिन नहीं मना पाते। इन आंकड़ों को कम करने के लिए प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट खोले जा रहे हैं। 34 जिलों में एसएनसीयू में नवजात बच्चों का इलाज होना शुरु हो गया है।
बच्चियों की मृत्यु ज्यादा
रिपोर्ट के अनुसार पैदा होने के बाद मरने वाले बच्चों में औसतन 62 लड़के होते हैं, जबकि लड़कियों की संख्या लगभग 63 है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही जगह लड़कों के मुकाबले लड़कियों के मरने की दर ज्यादा देखी गई है।
अन्य राज्यों से खराब हैं हमारी स्वास्थ्य सेवाएं
प्रदेश में गर्भवती महिलाओं की एंटीनेटल केयर सही ढंग से नहीं होने से बच्चे लो बर्थ रेट के पैदा होते हैं। यहां स्वास्थ्य सेवाएं अन्य राज्यों की अपेक्षा खराब है। अगली सर्वे बुलेटिन में प्रदेश की नवजात मृत्यु दर काफी कम होगी, क्योंकि 34 जिलों में सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट खोल दी गई हैं। -डॉ. केएल साहू, संयुक्त संचालक राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन
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