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23 फ़रवरी 2012

हल्के में न लें भूलने की आदत,ये हो सकती है जानलेवा बीमारी का इशारा!



बहुत अधिक वजन बढऩा घटना या बार-बार भूलना ये कुछ ऐसी समस्याएं हैं। जिन्हें लोग सामान्य तरीके से लेते हैं। वजन बढ़ जाता है तो उसे घटाने की कोशिश करने लगते हैं, घटता है तो बढ़ाने की। लेकिन बहुत कम लोग इस बात पर ध्यान देते हैं कि ये किसी तरह की बीमारी के कारण भी हो सकते हैं। ये लक्षण थाइरॉइड के इशारे हो सकते हैं। वैसे तो थाइरॉइड ज्यादातर खानदानी पाया जाता है।

लेकिन आयोडीन की कमी, खान-पान में अव्यवस्थित व्यवस्था, चिंता जैसी वजह भी इस बीमारी का कारण बनती है। थाइरॉइड भी दो तरह की होती है हाइपो और हाइपर। हाइपो में वजन बढऩे लगता है और भूख कम लगती है। हाथ- पांव में सूजन आ जाती है।

मरीज सुस्ती और सर्दी से परेशान रहता है। उसका किसी काम में मन नहीं लगता। कभी-कभी मासिक स्त्राव और याददाश्त में कमी हो सकती है। हाइपोथाइरोडिज्म ऐसी स्थिति है, जब थाइरॉइड हार्मोन का स्त्राव बहुत ही कम मात्रा में होता है। ऐसी स्थिति में शरीर में भोजन की ऊर्जा को रासायनिक प्रक्रिया में बदलने की गति धीमी हो जाती है। आमतौर पर यह बीमारी पकड़ में नहीं आती। इसके लक्षणों को अन्य रूप में लिया जाता है। इसके उल्टे हाइपर में मरीज का वजन कम हो जाता है और भूख ज्यादा लगती है। मानसिक तनाव की शिकायत होती है। एकाग्रता में कमी, धड़कन और बीपी बढऩे की शिकायत हो जाती है।

थाइरॉइड का कार्य मानव शरीर के अंदर इन दोनो हार्मोन्स को सही मात्रा में पहुंचाना है, जिसके घटने या बढने से महिलाओं के अंदर बांझपन और पीरियड्स के बढऩे जैसी दिक्कतें पैदा हो जाती है। इस तरह से हमें पता चलता है कि थाइरॉइड का काम हर्मोन्स को नियत्रंण रखना होता है। थाइरॉइड द्वारा निकलने वाला हार्मोन्स टी-3 और टी-4 घटने या बढऩे वाली क्रिया को थाइरॉइड डिसआर्डर कहते हैं।

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