तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 फ़रवरी 2012
कोटा में शहर काजी अनवार अहमद और मोलाना फजले हक को एक ही गाडी में देख कर लोग हेरान थे
दोस्तों आज में बहुत बहुत यानी कई करोड़ों बार खुश हूँ ..कारण साफ़ है कई बरसों से कोटा राजस्थान की इस सर ज़मीं पर पूरा करने की मुहीम जो मेने चला राखी थी आज खुदा ने उसे पूरा कर दिखाया है ..जनाब कोटा के मुसलमान ना जाने किन अजनान कारणों से बिना किसी वजह के दो हिस्सों में बनते हुए थे एक वोह हिस्सा जो शहर काजी अनवर अहमद की सरपरस्ती में अपने आप को समझता था यह बहुत बढ़ा तबका था लेकिन एक तबका राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक के नेतृत्व में अलग थलग था ....दोनों के अपने अपने काम थे लेकिन फिर भी कोटा में कुछ शरारती तत्व ऐसे थे जो इन दोनों को केसे न केसे आपस में नहीं मिलने देने की कोशिशों में जुटे थे मेने पिछले दो सालों में इस मामले में इन दोनों हस्तियों को एक मंच पर लाने की कोशिश की लेकिन एक पक्ष वायदे के बाद भी अपने मित्रों के कहने में आकर वायदे से मुकर गया ..मेने हिम्मत नहीं हारी कोटा शहर के हजारों हजार मुसलमानों का एक ही नारा था के सभी मुसलमाना आपसी मतभेद भुला कर एक जुट हो जाएँ एक साथ उठे एक साथ बेठें खासकर कोमी मसाइलों पर तो यह लोग एक मंच पर कोम की आवाज़ के साथ नज़र आयें ..दोस्तों मोलाना फजले हक जब राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन बने उन्हें मंत्री दर्जा मिला वोह कोटा शहर काजी से मिलने की तमन्ना तो ज़ाहिर कर चुके थे लेकिन मसरूफियत की वजह से यह सम्भव नहीं हो पा रहा था...... राजस्थान में मुस्लिमों के लियें केंद्र और राजस्थान सरकार की योजनाओं को आम मुसलमानों तक पहुँचाने और राजस्थान के मुसलमानों की परेशानियों दिक्क़तों को सरकार तक पहुंचकर उनके समाधान का प्रयास करने के लियें मोलाना फजले हक की सरपरस्ती में अल्पसंख्यक मामलात फ्रंट का गठन किया गया जिसका अध्यक्ष एजाज़ खान उर्फ़ अज्जू भाई को इसीलियें बनाया गया के वोह प्रशासन और पुलिस से लगातार जूझते रहे हैं और कामयाबी के साथ अपनी लडाइयों को जीत कर बेठे है ....मुझे जिला वक्फ कमेटी कोटा का नायब सदर होने के कारण इसका संयोजक बनाया गया जबकि कथुन के पूर्व नगरपालिका चेयरमेन नसरुद्दीन अंसारी को इस फ्रंट का उप संयोजक बनाया गया ..जिला वक्फ कमेटी के सदर अज़ीज़ अंसारी को इसकी मोनिटरिंग का काम दिया और कोटा बूंदी झालावाड सहित कई जिलों के लोग इससे जोड़े गए .हमारा सपना था के कोटा हम जो भी पहला कार्यक्रम करें उसमे एक मंच पर मोलाना फजले हक और कोटा के शहर काजी अनवर अहमद साथ बेठे कई कोशिशें की मोलाना फजले हक अपना राजधर्म निभाते हुए हर तबके के लोगों के काम कर रहे थे लेकिन कहीं ना कहीं हमारे फ्रंट के कार्यक्रम बनते रद्द होते रहे ..आज राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जनाब माहिर आज़ाद साहब कोटा में थे हम उनसे पहले ही मिलकर कोटा में एक बढ़ा कार्यक्रम करने की गुज़ारिश कर चुके थे हमारे तेज़ी से बढ़ रहे कदमों से कई लोगों की चिंताएं बढ़ गयीं थी और ज़ाहिर है उन्हें अपने षड्यंत्र तो करना ही थे लेकिन इसकी प्रवाह कोन करता है ..दोस्तों आज कोटा प्रेस क्लब में जब यह कार्यक्रम शुरू हुआ और मोलाना फजले हक ..माहिर आज़ाद साहब को साथ शहर क़ाज़ी अनवर अहमद की तख्ती कुर्सियों पर लगी देखी तो कार्यक्रम में आने वालों को एक पल तो यकीन नहीं हुआ ..इत्तेफाक था के शहर क़ाज़ी अनवर अहमद के यहाँ कोई महमान आ जाने से वोह थोड़ी सी डेरी से आये सबकी निगाहें उनकी खाली पढ़ी कुर्सी पर थी माहिर आज़ाद साहब बार बार मुझ से काजी साहब के आगमन के बारे में पूंछ रहे थे लेकिन खुदा को हमारी मुराद पूरी करना थी ..जनाब शहर काजी साहब आये और उन्होंने कार्यक्रम में शिरकत की मोलाना फजले हक साहब ने मंच से घोषणा की के वोह मुस्लिम मसाइलों के बारे में कोटा शहर काजी से मशवरा कर कार्यवाही करेंगे ..माहिर आज़ाद साहब ने भी चुटकी ली के माहोल खुशनुमा है फिर भी लोग एक दुसरे को आपस में लडाने की कोशिशों में जुटे रहते हैं उन्हों के कहा के सब मुसल्मानों फिरके ..जातियां भुला कर एक हो जाओ पढो लिखों नेक हो जाओ बस कामयाबी तुम्हारे साथ है ..शहर काजी कोटा ने भी सभी को नेक अमल पर चलने की हिदायतें दिन ...बाद में मोलाना फजले हक शहर काजी अनवर अहमद को उनकी अपनी लाल बत्ती की गाडी में आगे बिठा कर कोटा में प्रस्तावित महिला छात्रावास का स्थान चयनित करने के लियें एक साथ गये तो लोग भोच्क्के थे कभी वोह मोलाना फजले हक को तो कभी क़ाज़ी शहर कोटा को देखते थे लेकिन खुदा का शुक्र है के एक बिला वजह की दीवार हम पाटने में कामयाब रहे खुदा करे यह एकता बनी रहे और मुसलमानों के मसले मसाइल एक साथ एक जुट होकर यह लोग पूरा करने के लियें सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाएं ..खुदा ने यह काम तो होना लिखा था लेकिन यह काम हमारे हाथों हमारे अल्पसंख्यक मामलात के फ्रंट पर आली जनाब माहिर आज़ाद की खुसूसी महमान बनने के बाद होना था जो हो गया .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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